पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति ने आज 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. गुरुवार सुबह ही इस रिपोर्ट को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपा गया है. रिपोर्ट में पैनल ने एक साथ चुनाव कराने का समर्थन किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि "समिति की सर्वसम्मत राय है कि एक साथ चुनाव कराए जाने चाहिए."
'एक राष्ट्र, एक चुनाव' में लोकसभा और सभी राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव को एक साथ कराए जाने का प्रस्ताव रखा गया है. भारत में जब मौजूदा सरकार का कार्यकाल खत्म हो जाता है या फिर किसी कारण से सरकार भंग हो जाती है तो संसद के सदस्यों के चुनाव के लिए लोकसभा चुनाव या फिर राज्य विधानसभा चुनावों का अलग-अलग आयोजन किया जाता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक राष्ट्र, एक चुनाव की जरूरत पर कई मौकों पर बात की है और 2014 के लोक सभा चुनाव में यह पार्टी के मेनिफेस्टो का भी हिस्सा था. कोविंद की अध्यक्षता वाले इस पैनल के अन्य सदस्यों में गृह मंत्री अमित शाह, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आज़ाद, पूर्व वित्त आयोग के अध्यक्ष एन के सिंह, पूर्व लोकसभा महासचिव सुभाष कश्यप और वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे शामिल हैं.
समिति को त्रिशंकु सदन, अविश्वास प्रस्ताव, दलबदल या ऐसी कोई अन्य घटना होने पर एक साथ चुनाव से जुड़े संभावित समाधानों का विश्लेषण और सिफारिश करने का काम सौंपा गया था. अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय, राज्य, नागरिक निकाय और पंचायत चुनावों के लिए वैध मतदाताओं के लिए एक एकल मतदाता सूची और पहचान पत्र को लेकर भी समाधान खोजा गया है.
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