ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ के मंदिर के रत्न भंडार (Jagannath Temple Ratna Bhandar) का रहस्य धीरे-धीरे खुल रहा है. तहखानों का चार दशक बाद ताला खुलने के बाद अब जवाहरातों की गिरती की प्रक्रिया चल रही है. गुरुवार सुबह भक्तों के दर्शन पर भी कुछ देर के लिए रोक लगा दी गई. रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष से कीमती चीजों को अस्थायी 'स्ट्रांग रूम' में ट्रांसफर किया जाना है. हालांकि भक्तों के दर्शन पर स्थायी तौर पर रोक नहीं लगाई गई है. सिर्फ कीमती सामान स्थानांतरित करने तक ही भक्तों के प्रवेश पर रोक लगाई गई. सुबह 8 बजे ही भक्तों के मंदिर में प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी. बता दें कि मंदिर के तहखाने में मौजूद रत्न भंडार में एक-एक बाहरी और आंतरिक कक्ष है, जिसमें भगवान जगन्नाथ का कीमती सामान रखा हुआ है.
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जगन्नाथ मंदिर में भक्तों के प्रवेश पर रोक
गुरुवार को जगन्नाथ मंदिर का सिर्फ सिंह द्वारा ही खोला गया, बाकी सभी दरवाजों को बंद रखा गया था. श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के प्रमुख अरबिंद पाधी ने बुधवार को ही बता दिया था कि 'बृहस्पतिवार को रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष को फिर से खोलने की व्यवस्था की जा रही है, इसलिए हमने मंदिर में भक्तों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे के बाद किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी.'
'स्ट्रांग रूम' में भेजा जा रहा कीमती सामान
पाधी ने कहा कि सिर्फ अधिकृत व्यक्तियों और सेवकों को ही सुबह आठ बजे के बाद मंदिर में प्रवेश की अनुमति होगी और बृहस्पतिवार को मंदिर का केवल सिंह द्वार खुला रहेगा. उन्होंने कहा कि सालों से भक्तों द्वारा भगवान को दान की गई बहुमूल्य वस्तुओं को मंदिर परिसर के अंदर अस्थायी 'स्ट्रांग रूम' में स्थानांतरित कर दिया जाएगा.
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