DUSU चुनाव में NSUI की बड़ी जीत
नई दिल्ली:
दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव के नतीजे में भाजपा से जुड़े छात्र संगठन ABVP को झटका लगा है. यहां कांग्रेस से जुड़े छात्र संगठन NSUI ने दो पदों पर जीत हासिल की है. NSUI के रॉकी तूशीद ने अध्यक्ष पद पर बाजी मारी. उपाध्यक्ष पद पर भी NSUI के उम्मीदवार ने ही जीत हासिल की है. ABVP को संयुक्त सचिव और सचिव के पदों पर जीत मिली है.
रॉकी को 16,299 वोट मिले जबकि ABVP उम्मीदवार रजत चौधरी को 14,709 वोट हासिल हुए. उपाध्यक्ष पद पर NSUI के कुणाल शेरावत ने ABVP के पार्थ राणा को हराया. सचिव पद पर ABVP उम्मीदवार महामेधा नागर ने NSUI की मीनाक्षी मीणा को हरा दिया. ABVP के उमाशंकर ने संयुक्त सचिव पद पर जीत हासिल की. उन्होंने NSUI के अविनाश यादव को हराया. दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के ये नतीजे पिछले साल से उलट है. पिछले साल ABVP ने 3 पदों पर, जबकि NSUI ने संयुक्त सचिव का पद जीता था.
यह भी पढ़ें: JNU छात्रसंघ चुनाव में सभी चार सीटों पर लेफ्ट का कब्जा, हरियाणा की गीता बनीं अध्यक्ष
डूसू के नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए NSUI ने इसे 'शानदार वापसी' बताते हुए कहा कि यह साफ संकेत है कि छात्र बिरादरी का कांग्रेस और हमारे प्रिय नेता राहुल गांधी पर भरोसा बहाल हुआ है. वहीं, ABVP के एक कार्यकर्ता ने कहा, हम चार साल से यूनियन में थे. यह लेफ्ट और NSUI की गंदी चाल है. लेफ्ट ने NSUI को मदद पहुंचाने के लिए डमी कैंडिटेट खड़ा किया. इस बार मंगलवार को हुए डूसू चुनाव में 43 फीसदी मतदान हुआ था. कैंपस से दूर-दराज स्थित कॉलेजों में कम वोटिंग दर्ज की गई.
VIDEO : JNU छात्रसंघ चुनाव में लेफ्ट ने किया क्लीन स्वीप
इस चुनाव में ABVP, NSUI और वामपंथी संगठन अपने प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए अंतिम क्षणों तक प्रयास करते दिखे थे.
रॉकी को 16,299 वोट मिले जबकि ABVP उम्मीदवार रजत चौधरी को 14,709 वोट हासिल हुए. उपाध्यक्ष पद पर NSUI के कुणाल शेरावत ने ABVP के पार्थ राणा को हराया. सचिव पद पर ABVP उम्मीदवार महामेधा नागर ने NSUI की मीनाक्षी मीणा को हरा दिया. ABVP के उमाशंकर ने संयुक्त सचिव पद पर जीत हासिल की. उन्होंने NSUI के अविनाश यादव को हराया. दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के ये नतीजे पिछले साल से उलट है. पिछले साल ABVP ने 3 पदों पर, जबकि NSUI ने संयुक्त सचिव का पद जीता था.
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डूसू के नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए NSUI ने इसे 'शानदार वापसी' बताते हुए कहा कि यह साफ संकेत है कि छात्र बिरादरी का कांग्रेस और हमारे प्रिय नेता राहुल गांधी पर भरोसा बहाल हुआ है. वहीं, ABVP के एक कार्यकर्ता ने कहा, हम चार साल से यूनियन में थे. यह लेफ्ट और NSUI की गंदी चाल है. लेफ्ट ने NSUI को मदद पहुंचाने के लिए डमी कैंडिटेट खड़ा किया. इस बार मंगलवार को हुए डूसू चुनाव में 43 फीसदी मतदान हुआ था. कैंपस से दूर-दराज स्थित कॉलेजों में कम वोटिंग दर्ज की गई.
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इस चुनाव में ABVP, NSUI और वामपंथी संगठन अपने प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने के लिए अंतिम क्षणों तक प्रयास करते दिखे थे.
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