लखनऊ:
लखनऊ में 220 एकड़ में बने कांशीराम स्मारक और इको पार्क में भी अब घोटाला सामने आ रहा है।
एक ठेकेदार की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। यही नहीं अब पता चला है कि स्मारक बनाने के लिये हज़ारों ट्रक रेड सैंड स्टोन की चट्टानें उत्तर प्रदेश के चुनार से तोड़कर तराशने के लिए राजस्थान ले जाई गईं थी।
बता दें कि मायावती ने कांशीराम स्मारक बनाने के लिए यहां बनी तीन जेलों को तोड़ा था। इस पार्क के लिए मिर्जापुर से लाल पत्थर को 180 रुपये क्यूबिक फीट से ढुलाई दी गई। एक ठेकेदार का आरोप है कि ढुलाई का रेट 90 रुपये प्रति क्यूबिक फीट है। इस ठेकेदार का आरोप है कि उससे 27.5 लाख रुपये का काम कराया गया है और उसे मात्र 5.5 लाख रुपये का भुगतान किया गया।
लखनऊ के डीआईजी आशुतोष पांडे का कहना है कि अभी तक जो मामले आ रहे हैं उसमें हमलोग मुकदमा पंजीकृत कर रहे हैं।
यूपी के शहरी विकास मंत्री आजम खां का कहना है कि मायावती ने अपनी शान के नाम पर करोड़ों रुपये बरबाद कर डाले हैं।
जानकारी यह भी मिली है कि हाथी घोटाले से जुड़े तमाम ठेकेदार अब फरार चल रहे हैं। यहां तक की जेई और प्रोजेक्ट मैनेजर भी फरार चल रहे हैं।
एक ठेकेदार की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। यही नहीं अब पता चला है कि स्मारक बनाने के लिये हज़ारों ट्रक रेड सैंड स्टोन की चट्टानें उत्तर प्रदेश के चुनार से तोड़कर तराशने के लिए राजस्थान ले जाई गईं थी।
बता दें कि मायावती ने कांशीराम स्मारक बनाने के लिए यहां बनी तीन जेलों को तोड़ा था। इस पार्क के लिए मिर्जापुर से लाल पत्थर को 180 रुपये क्यूबिक फीट से ढुलाई दी गई। एक ठेकेदार का आरोप है कि ढुलाई का रेट 90 रुपये प्रति क्यूबिक फीट है। इस ठेकेदार का आरोप है कि उससे 27.5 लाख रुपये का काम कराया गया है और उसे मात्र 5.5 लाख रुपये का भुगतान किया गया।
लखनऊ के डीआईजी आशुतोष पांडे का कहना है कि अभी तक जो मामले आ रहे हैं उसमें हमलोग मुकदमा पंजीकृत कर रहे हैं।
यूपी के शहरी विकास मंत्री आजम खां का कहना है कि मायावती ने अपनी शान के नाम पर करोड़ों रुपये बरबाद कर डाले हैं।
जानकारी यह भी मिली है कि हाथी घोटाले से जुड़े तमाम ठेकेदार अब फरार चल रहे हैं। यहां तक की जेई और प्रोजेक्ट मैनेजर भी फरार चल रहे हैं।
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