Election Results 2022: इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर समाजवादी पार्टी द्वारा लगाए गए आरोपों पर मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्रा की प्रतिक्रिया आई है और उन्होंने कहा है कि ईवीएम से छेड़छाड़ का कोई सवाल ही नहीं है. क्योंकि भारत के चुनाव आयोग ने हमेशा पारदर्शिता बनाए रखी है. एएनआई से बात करते हुए सुशील चंद्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी ने एडीएम वाराणसी को निलंबित कर दिया है. क्योंकि उन्होंने राजनीतिक दलों को प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए ईवीएम की आवाजाही के बारे में सूचित करने के लिए प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया है.
सीईसी ने आगे कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ का कोई सवाल ही नहीं है. साल 2004 से लगातार ईवीएम का इस्तेमाल किया जा रहा है. साल 2019 में हमने हर मतदान केंद्र पर वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) शुरू किया. उन्हें देखने के बाद ही राजनीतिक दलों के एजेंटों की मौजूदगी में ईवीएम को सील किया जाता है और उनके हस्ताक्षर लिए जाते हैं. डीलर ईवीएम को सुरक्षा के बीच स्ट्रांग रूम में रखते है. हमारे साइड स्ट्रांग रूम में चौबीसों घंटे निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. राजनीतिक दलों के एजेंट भी स्ट्रांग रूम पर नजर रखते हैं, इसलिए ईवीएम से किसी तरह की छेड़छाड़ का सवाल ही नहीं उठता और न ही किसी ईवीएम को स्ट्रांग रूम से बाहर निकाला जा सकता है.
चंद्रा ने आगे कहा कि हर ईवीएम का कोई न कोई नंबर होता है. जब एक राजनीतिक दल के लोगों ने सवाल उठाया तो हमने उन्हें ईवीएम का नंबर दिखाया, जो चुनाव के लिए बने ईवीएम नंबर से मेल नहीं खाता था.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने वाराणसी के एडीएम एनके सिंह के निलंबन को सही ठहराते हुए कहा, प्रक्रिया राजनीतिक दलों को ईवीएम की आवाजाही से पहले सूचित करने की है, जो एडीएम द्वारा नहीं किया गया था. जिसने अफवाह पैदा हुई.
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