नई दिल्ली: इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने बृहस्पतिवार को कहा कि तेल अवीव भारत को हमास से संबंधित अधिक जानकारी प्रदान कर रहा है और उसे उम्मीद है कि नयी दिल्ली समूह को आतंकवादी संगठन घोषित करेगी जैसा कि लगभग 40 देशों ने किया है.
पीटीआई-भाषा को दिए गए एक विशेष साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि भारत उसी तरह से इजराइल का समर्थन कर रहा है जैसा वह चाहता था और मौजूदा 'संकट' ने यह साबित किया है कि दोनों देशों के बीच संबंध कितने मजबूत हैं. हमास-इज़राइल संघर्ष के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली द्वारा गाजा के लोगों को मानवीय सहायता भेजे जाने पर तेल अवीव को कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि वह जरूरतमंद लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करने के समर्थन में है.
राजदूत ने हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करने की भारत से इजराइल की अपेक्षा को भी रेखांकित किया. यह विश्वास जताते हुए कि नयी दिल्ली इज़राइल के अनुरोध पर ध्यान देगी, राजदूत ने कहा, 'हम जानकारी प्रदान करने और इसे बहुत व्यवस्थित बनाने की प्रक्रिया में हैं.'
उन्होंने कहा, 'इजराइल ऐसा पूरी दुनिया में कर रहा है, न कि केवल भारत में. हमास पहले से ही लगभग 40 देशों में (आतंकवादी संगठन के रूप में) नामित है. यूरोपीय संघ के सभी सदस्य देशों और अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा जैसे देशों ने ऐसा किया है. हम चाहते हैं कि हमारे बहुत से मित्र ऐसा करें.'
हमास नेता खालिद मशाल के केरल में फलस्तीन समर्थक रैली में ऑनलाइन भाग लेने का जिक्र करते हुए इजराइली राजदूत ने कहा कि भारत द्वारा हमास को आतंकवादी संगठन नामित किए जाने से ऐसी गतिविधियों को रोकने में मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि भारत उस रास्ते (हमास को आतंकी संगठन घोषित करने) पर चलेगा. मुझे इसके लिए कोई वादा भी नहीं मिला है. हम इसे अधिक से अधिक मित्र देशों को जोड़ने के एक ईमानदार प्रयास के रूप में ले रहे हैं जैसा कि हम लश्कर-ए-तैयबा और अन्य संगठनों में देखते हैं.”
राजदूत ने कहा, 'मुझे लगता है कि पारस्परिकता का अनुरोध करना बहुत वैध है.' एक विशिष्ट प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करेगा. इजराइली सैन्य हमले के मद्देनजर गाजा में 8,000 से अधिक लोगों की मौत और लोगों की दुर्दशा पर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बारे में पूछे जाने पर गिलोन ने कहा कि उनका देश मानवीय पीड़ा और जानमाल के नुकसान को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है.
उन्होंने कहा, 'उदाहरण के लिए हमें जमीनी कार्रवाई शुरू करने से पहले तीन सप्ताह का समय लगा. हमने गाजा में आबादी को दक्षिण जाने के लिए कहा. दुर्भाग्य से कई लोगों ने ऐसा नहीं किया क्योंकि उन पर हमास का दबाव था. वे (हमास) मानव ढाल का सहारा ले रहे हैं.' इजराइली राजदूत ने यह भी कहा कि उनकी सरकार गाजा में लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करने के समर्थन में है.
उन्होंने कहा, 'हम किसी भी मानवीय संकट को टालना चाहते हैं. हम मानवीय सहायता दे रहे हैं. अगर भारत मानवीय सहायता भेजना चाहता है, तो हमें कोई आपत्ति नहीं है. इसमें कोई विरोधाभास नहीं है.' गिलोन ने कहा, 'हमें भारत से मजबूत समर्थन मिल रहा है. बेशक, ऐसे तत्व हैं जो कम मित्रवत हैं, लेकिन मुझे लगता है कि यहां अधिकतर लोग इजराइल के मजबूत समर्थन में हैं और वे हमास को खत्म नहीं करने के जोखिम को समझते हैं.'
उन्होंने कहा, 'भारत से मेरी सभी उम्मीदें पूरी हो गई हैं. भारत मुखर होकर हमारा समर्थन कर रहा है. हमने जिस तरह से कहा, भारत हमारी मदद कर रहा है. हम बहुत खुश हैं. मुझे उम्मीद है कि हमास को आतंकी संगठन घोषित किया जा सकता है...लेकिन इसके अलावा हमारा सहयोग और समन्वय बहुत अच्छा रहा है.''
इजराइली दूत ने कहा कि उनका देश हमास के खतरे को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है. यह पूछे जाने पर कि क्या इजराइल गाजा में लोगों तक मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए लड़ाई में 'विराम' लगाने के लिए तैयार है, राजदूत ने कहा, 'हम देखेंगे कि जमीन पर क्या करना सही है.'
उन्होंने कहा कि यदि बंधकों की रिहाई के लिए अवसर की गुंजाइश है, तो इजराइल द्वारा एक 'विराम' लिए किए जाने की संभावना है. उन्होंने कहा, ‘‘हम हमास को किसी भी तरह का फायदा नहीं देना चाहते.''
इस सवाल पर कि क्या इज़राइल फलस्तीनी प्राधिकरण को गाजा पर शासन करने की अनुमति देने पर विचार करने के लिए तैयार है, उन्होंने कोई सीधा जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा, 'हमने गाजा छोड़ा था कि हम वापस नहीं आएंगे. लेकिन हमने गाजा को इसलिए नहीं छोड़ा था कि यह इजराइली नागरिकों पर हमलों का अड्डा बन जाए.'
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