Corona virus update : केंद्र सरकार ने कहा है कि भारत में कोरोना वायरस के रूप में बड़ा बदलाव (म्यूटेशन) नहीं दिख रहा है. लिहाजा वैक्सीन (Vaccine) कार्यक्रम पर असर पड़ने की संभावना नहीं है. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने शनिवार को देश में शीर्ष संस्थाओं के अध्ययन के आधार पर यह जानकारी दी.
पीएमओ के अनुसार, देश की शीर्ष क्लीनिकल रिसर्च संस्था और जैव तकनीक विभाग द्वारा कोरोना वायरस के जीनोम पर किए गए दो अध्ययनों से यह संकेत मिला है. अध्ययन के मुताबिक, कोरोना वायरस आनुवांशिक तौर पर स्थिर है और इसमें बड़ा म्यूटेशन नहीं दिख रहा है.वायरस में म्यूटेशन से उसके गुणों में बदलाव आता है और यह नए तरह के स्ट्रेन पैदा कर मरीजों के साथ चिकित्सकों के लिए भी मुश्किलें खड़ी करता है.
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कोरोना वायरस में म्यूटेशन से महामारी का प्रसार तेजी से फैल सकता है. भारत ही नहीं, वैश्विक स्तर पर भी हुए अध्ययन भी संकेत देते हैं कि मामूली म्यूटेशन से वैक्सीन के विकास के कार्यक्रम पर कोई असर नहीं पड़ेगा. कोरोना वायरस में जब म्यूटेशन होता है तो कमजोर स्ट्रेन जल्द खत्म हो जाते हैं, लेकिन वायरस का खतरनाक स्ट्रेन तेजी से फैलता है.
पीएमओ ने कहा कि आईसीएमआर और बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने सार्स कोव-2 के जीनोम का अध्ययन किया है. पिछले माह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने भी कहा था कि कोविड के स्ट्रेन में कोई बड़ा बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है. उन्होंने यह कहा था कि आईसीएमआर देश में मौजूद कोरोना वायरस के स्ट्रेन की बड़े पैमाने पर सीक्वेंसिंग में जुटा है और इसके परिणाम अक्टूबर के अंत तक आएंगे.
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