प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को अपना दो दिवसीय संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का दौरा शुरू कर रहे हैं. इस दौरान दोनों देशों के बीच कई सेक्टर्स पर बात की जाएगी. इनमें एनर्जी, पोर्ट्स, फिनटेक, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, रेलवे और इंवेस्टमेंट फ्लो आदि शामिल है. पीएम मोदी के इस दौरे का उद्देश्य दोनों देशों के बीच के संबंधों को अधिक मजबूत करना है. इस दौरे के दौरान पीएम मोदी और UAE के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बनि जायद अल नाहयान के बीच कई समझौतों पर चर्चा होने की उम्मीद है.
दौरे से पहले UAE के राजदूत अब्दुलनासिर जमाल अलशाली ने एनडीटीवी के साथ एक खास बातचीत की. उन्होंने इस बातचीत में कहा, "हम निश्चित रूप से एक सफल दौरे की उम्मीद कर रहे हैं. विश्व सरकार शिखर सम्मेलन 2024, स्टेडियम में कार्यक्रम, द्विपक्षीय वार्ता और बीएपीएस मंदिर के उद्घाटन को लेकर हम बेहद उत्साहित हैं."
बता दें कि पीएम मोदी के इस दौरे का एक अहम पहलू अबू धाबी में बीएपीएस मंदिर का निर्धारित उद्घाटन भी है. इस मंदिर के लिए भूमि संयुक्त अरब अमीरात सरकार द्वारा प्रदान की गई थी. अब्जुलनासिर जमाल अलशाली ने कहा, "यह सबर और स्वीकृति का संदेश देता है. हम धर्म, जाती आदि के संदर्भ में भेद नहीं करते हैं. यह भारत और UAE के बीच के संबंध का भी प्रमाण देता है. यह केवल बिजनेस से बिजनेस या फिर सरकार से सरकार का संबंध नहीं बल्कि लोगों से लोगों का कनेक्शन है."
संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति और पीएम मोदी के बीच हाल ही में वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन में देखी गई मित्रता के बारे में बात करते हुए राजदूत ने कहा, "हम एक साथ मिलकर क्या कर सकते हैं इसकी कोई सीमा नहीं है." इसके साथ ही 2022 में व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) के बारे में भी राजदूत अलशाली ने बात की, जो दोनों देशों के बीच के द्विपक्षीय संबंधों को रेखांकित करता है.
उन्होंने कहा, "CEPA समझौते पर इतने कम समय में बातचीत करना और उस पर हस्ताक्षर करना भी दोनों देशों के संबंधों के बारे में बहुत कुछ बयां करता है. CEPA पर हस्ताक्षर होने के बाद से हमने व्यापार में वृद्धि देखी है, हमने दोनों देशों में निवेश होते हुए देखा है और भारतीय व्यवसायों के संयुक्त अरब अमीरात में काम करने और इसके विपरीत काम करने की रुचि को भी बढ़ते हुए देखा है."
पिछले साल पीएम मोदी की अबू धाबी यात्रा के दौरान भारत और UAE के बीच नवीकरणीय ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवा और व्यापार पर कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हुए थे. दोनों देशों ने 2022-23 में लगभग 85 बिलियन डॉलर का व्यापार दर्ज किया है. 2022-23 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में UAE भी भारत के शीर्ष चार निवेशकों में से एक है.
2015 में पीएम मोदी की UAE की पहली यात्रा के बाद की अवधि की तुलना पिछले वर्षों से करते हुए, राजदूत ने दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय जुड़ाव, बढ़ते हुए निवेश और बढ़ते व्यापार के बारे में भी बात की.
उन्होंने कहा, "2015 में पीएम मोदी की UAE की पहली यात्रा के बाद से हमने दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय जुड़ाव, निवेश और व्यापार देखा है. अगर यह सब इतने कम समय में हासिल किया जा सकता है, तो मैं कल्पना भी नहीं कर सकता कि आने वाले सालों में हम क्या कुछ हासिल कर सकते हैं."
UAE में रह रहे भारतीय समुदाय द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर भी राजदूत अलशाली ने विशेष जोर दिया. इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, "भारतीयों ने UAE के विकास में अहम भूमिका निभाई है और मुझे लगता है कि वो आगे भी इस भूमिका को निभाते रहेंगे. कुछ लोग संयुक्त अरब अमीरात को अपने दूसरे घर के रूप में देखते हैं और आने वाले वर्षों में भी यही स्थिति बनी रहेगी. अब जो बदल गया है वो ये है कि हम दूसरे सेक्टर्स में भी जा रहे हैं. भारतीय भी अन्य विशेषज्ञताओं के साथ UAE आ रहे हैं और अपने व्यापार को बढा रहे हैं जो UAE के विकास में योगदान दे रहा है."
अपने UAE दौरे के बाद पीएम मोदी बुधवार को कतर के लिए रवाना होंगे.
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