नई दिल्ली: भूकंप को लेकर कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर फैल रहीं अफवाहों के मद्देनजर केंद्र सरकार ने जनता से अपील की है कि वे अप्रामाणिक सूचनाओं को नहीं मानें और सिर्फ सरकार के अधिकृत लोगों की बात पर ध्यान दें। यानि यह साफ है कि सरकार लोगों से सीधे अपील कर रही है कि वह अफवाहों पर ध्यान न दें...
गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कुछ अंतरराष्ट्रीय संस्थानों द्वारा भूकंप की आशंका को लेकर जताये जा रहे पूर्वानुमानों को गलत और बेबुनियाद बताया।
उन्होंने कहा, 'किसी विदेशी या घरेलू संगठन ने इस तरह का कोई पूर्वानुमान नहीं लगाया है। भूकंप की आशंका की खबरें पूरी तरह निराधार और गलत हैं।'
प्रवक्ता ने लोगों से अपील की कि इस तरह की अफवाहों पर ध्यान नहीं दें। केवल गृह, रक्षा, विदेश मंत्रालयों, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण या भारतीय मौसम विभाग के अधिकृत लोगों के बयानों पर ही ध्यान दिया जाए।
वहीं यूपी मौसम विभाग के निदेशक जे.पी. गुप्ता ने साफ किया कि भूकंप कब आएगा, इसकी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि भूकंप का कोई निश्चित समय भी नहीं बताया जा सकता। विकसित देशों सहित पूरे विश्व में वैज्ञानिक अभी इस विषय पर शोध कर रहे हैं।
गुप्ता ने बताया कि 7.5 तीव्रता वाले भूकंप के बाद ट्रीमर्स यानी बाद के हलके झटके आते ही हैं, लेकिन वह भी बहुत देर तक नहीं आते। यह ट्रीमर तभी तक आते हैं, जब तक पृथ्वी के अंदर की अतिरिक्त ऊर्जा पूरी तरह बाहर नहीं निकल जाती।
उन्होंने बताया कि अगर कोई व्यक्ति यह कह रहा है कि इतने बजे भूकंप आएगा, तो वह कोरी अफवाह होगी। कुछ शरारती तत्व दहशत फैलाने के लिए ऐसा कहते हैं। ऐसी बातों पर विश्वास नहीं करना चाहिए।
गुप्ता ने बताया कि पृथ्वी के भीतर लगातार परिवर्तन होते रहते हैं और उसी के चलते पृथ्वी के अंदर ऊर्जा एकत्र होती रहती है। यह ऊर्जा जब बहुत अधिक हो जाती है, तो उसे निकलने की जगह चाहिए होती है। ऐसे में जहां भी कमजोर चट्टानें मिलती हैं, उसी ओर ऊर्जा का प्रवाह हो जाता है।