कोल्लम मंदिर हादसे की फाइल तस्वीर
कोल्लम (केरल):
केरल हाई कोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुए मंदिरों में होने वाली आतिशबाजी पर आंशिक रोक लगा दी है। केरल हाई कोर्ट ने आदेश में शाम से लेकर सुबह तक के बीच में किसी प्रकार से आवाज करने वाली आतिशबाजी पर रोक लगा दी है।
कोर्ट ने रात में केवल रंग बिखेरने वाली आतिशबाजी की इजाजत दी है। कोर्ट ने अपने आदेश में पुलिस पर सवाल उठाए हैं और कहा कि पुलिस ड्यूटी करने में नाकाम रही है।
विस्फोटक कानून के तहत पुलिस के पास बिना वारेंट के इस प्रकार की गैरकानूनी गतिविधि में शामिल लोगों को गिरफ्तार करने का अधिकार है। कोर्ट ने अपने आदेश में पहले के आदेशों की अवहेलना की भी बात कही है। कोर्ट ने कहा कि हम पुलिस पर कैसे भरोसा कर सकते हैं और इस मामले को राज्य सरकार चाहे तो सीबीआई को भेज सकती है।
केरल हाई कोर्ट की कही कुछ बातें -
कोर्ट ने रात में केवल रंग बिखेरने वाली आतिशबाजी की इजाजत दी है। कोर्ट ने अपने आदेश में पुलिस पर सवाल उठाए हैं और कहा कि पुलिस ड्यूटी करने में नाकाम रही है।
विस्फोटक कानून के तहत पुलिस के पास बिना वारेंट के इस प्रकार की गैरकानूनी गतिविधि में शामिल लोगों को गिरफ्तार करने का अधिकार है। कोर्ट ने अपने आदेश में पहले के आदेशों की अवहेलना की भी बात कही है। कोर्ट ने कहा कि हम पुलिस पर कैसे भरोसा कर सकते हैं और इस मामले को राज्य सरकार चाहे तो सीबीआई को भेज सकती है।
केरल हाई कोर्ट की कही कुछ बातें -
- अगर पुलिस लोगों की जान की सुरक्षा नहीं कर पाती तो यह कानून व्यवस्था के ब्रेक डाउन के समान है।
- यह सीधे तौर पर मानवाधिकार और जीने के अधिकार का उल्लंघन है।
- कोर्ट ने कहा कि एक भी पुलिस वाले ने मंदिर के समीप विस्फोटक
- को नहीं देखा। पुलिस को मामले को तुरंत रिपोर्ट करना चाहिए था जब मंदिर प्रशासन ने विस्फोटक संबंधी कोई परमिशन ऑर्डर नहीं दिखाया। मौके पर कोई फायर सेफ्टी का प्रबंध नहीं था।
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