सोमवार को शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र से पहले सभी दलों की औपचारिक बैठक इस बार नहीं होगी. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी बुलाई है. जिसमें संसद सत्र के एजेंडा पर चर्चा तय है. बैठक में संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद मिश्रा, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और असुद्दीन ओवैसी शामिल हुए थे.
इस बैठक में प्रश्नकाल को हटाने और शून्यकाल की अवधि कम करने का मुद्दा उठाया जा सकता है. सरकार पर अपने इस फैसले पर अडिग है वहीं विपक्ष के सांसद में इससे नाराजगी दिख रही है. ये तय है कि विपक्ष की ओर से भारत-चीन विवाद, कोरोना वायरस और अर्थव्यवस्था का मुद्दा उठाया जरूर उठाया जाएगा. अब सरकार को तय करना है वह इन मुद्दों पर कैसे बहस कराती है. साल 2017 में देश की सुरक्षा का हवाला देकर मोदी सरकार ने डोकलाम पर चर्चा कराने से इनकार कर दिया था.
गौरतलब है कि मार्च के महीने में पीएम मोदी के लॉकडाउन के ऐलान के कुछ दिन पहले ही संसद का सत्र अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित हुआ था. इसके साथ ही गलवान में हुई झड़प के बाद यह पहला मौका होगा जब संसद का सत्र शुरू हो रहा है.
संसद सत्र में हिस्सा लेने के लिए सांसदों से कहा गया है कि सभी अपना कोरोना वायरस का टेस्ट जरूर करवा लें. कोरोना वायरस की वजह से संसद का मानसून सत्र नहीं हो पाया था. अब तक 7 केंद्रीय मंत्री और 2 दर्जन से ज्यादा सांसद इस संक्रमण का शिकार हो चुके हैं. 785 सांसदों में करीब 200 की उम्र 65 से ज्यादा है.
इस बीमारी को देखते हुए लोकसभा और राज्यसभा की बैठक अलग-अलग शिफ्ट में होगी और सांसदों को बैठने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. लोकसभा की बैठक पहले दिन सुबह 9 बजे से 1 बजे तक होगी इसके बाद दोपहर 3 बजे से शाम 7 बजे तक होगी. वहीं राज्यसभा की बैठक पहले दिन शाम 3 बजे से 7 बजे तक होगी. इसके बाद सुबह 9 बजे से 1 बजे तक होगी.
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