राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) विधेयक के खिलाफ रेजिडेंट डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने के चलते दिल्ली के कई सरकारी अस्पतालों में मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने हड़ताल कर रहे डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की. विभिन्न एसोसिएशनों के डॉक्टरों ने विधेयक के कुछ प्रावधानों को लेकर आपत्तियां व्यक्त की और आरोप लगाया कि ये ‘‘गरीबी विरोधी, छात्र-विरोधी और अलोकतांत्रिक है.'' हालांकि, शुक्रवार तकरीबन आधी रात को एम्स, आरएमएल अस्पताल और दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों समेत अधिकांश अस्पतालों में आपातकालीन सेवाएं फिर से शुरू कर दी गईं.
Resident Doctor's Association & Students' Union of All India Institute of Medical Sciences, Delhi:We remain steadfast in our decision to continue ongoing indefinite strike against certain provisions of NMC Bill. However, emergency services to resume at AIIMS with immediate effect pic.twitter.com/aWEnbaeJUv
— ANI (@ANI) August 3, 2019
स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन हड़ताली डॉक्टरों से मिले, कहा- वरदान साबित होने वाला है एनएमसी बिल
प्रदर्शनकारी डॉक्टर गैर-आवश्यक सेवा विभागों में हड़ताल जारी रखेंगे, जिसमें बाह्य-रोगी विभाग (ओपीडी) शामिल है. यह निर्णय देर रात तक चलीं रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशनों की बैठकों में लिया गया. एम्स, सफदरजंग अस्पताल, आरएमएल अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों के संघों और फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) और यूनाइटेड रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (यूआरडीए) से जुड़े चिकित्सकों ने बृहस्पतिवार को आपातकालीन विभाग में काम का बहिष्कार कर विरोध प्रदर्शन किया था. उन्होंने बृहस्पतिवार शाम एनएमसी विधेयक राज्यसभा से पारित होने के बाद शुक्रवार को भी अपनी हड़ताल जारी रखी.
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