दिल्ली हाइकोर्ट ने 2002 के नीतीश कटारा हत्याकांड में दोषी करार दिए गए विकास यादव और विशाल यादव को 25 साल की कैद की सजा सुनाई है।
सबूत मिटाने के मामले में विकास और विशाल को 5-5 साल अलग से सजा सुनाई गई है, यानी दोनों को बिना छूट के कुल 30 साल की सजा काटनी पड़ेगी। दोनों के अस्पताल में बिताए वक्त को सजा में शामिल नहीं किया जाएगा। दोनों पर 50-50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
एक अन्य दोषी सुखदेव पहलवान को 20 साल कैद की सजा दी गई है। उसे भी सबूत मिटाने के मामले में पांच साल अलग से सजा काटनी होगी। हाईकोर्ट ने कहा कि यह केस रेयरेस्ट ऑफ रेयर नहीं है, इसलिए फांसी की सजा नहीं दी जा सकती, लेकिन कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सजा के दौरान इन्हें कोई छूट नहीं दी जाएगी।
इस मामले में विकास यादव, उसके चचेरे भाई विशाल यादव और सुखदेव पहलवान को निचली अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। मुख्य आरोपी विकास यादव उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता डीपी यादव का बेटा है।
हाइकोर्ट ने पिछले साल 2 अप्रैल को इसे ऑनर किलिंग का मामला माना था और निचली अदालत के फैसले को कायम रखा था। वहीं नीतीश कटारा की मां नीलम कटारा और दिल्ली पुलिस ने इसे रेयरेस्ट ऑफ द रेयर क्राइम बताते हुए दोषियों के लिए फांसी की सज़ा की मांग की थी। नीलम कटारा ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने की बात कही है।
गौरतलब है कि नीतीश कटारा की अपनी बहन भारती यादव से बढ़ती नज़दीकी से नाराज उसके भाई विकास यादव और चचेरे भाई विशाल यादव तथा उनके साथी सुखदेव पहलवान ने 16 फरवरी, 2002 की रात गाजियाबाद में एक शादी समारोह से नीतीश कटारा का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी थी।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं