बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए मंगलवार को कहा कि भाजपा नेता को समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में वर्ष 1974 के ‘जेपी आंदोलन' और उसकी विरासत के बारे में न तो कोई जानकारी है और न ही उस पर टिप्पणी करने की उम्र.
जनता दल यूनाइटेड ( जदयू) नेता नीतीश कुमार के खिलाफ शाह ने लोक नायक जयप्रकाश नारायण (जेपी) के जन्मस्थान सिताब दियारा में टिप्पणी की थी. इसके जवाब में संवाददाताओं द्वारा पूछे जाने पर कुमार ने कहा कि आज जो प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) जी हैं और जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उस समय वह (शाह) क्या थे?
उल्लेखनीय है कि लोक नायक जयप्रकाश नारायण की जन्मस्थली सारण जिले के सिताब दियारा गांव में उनकी 120वीं जयंती के अवसर पर मंगलवार को आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए शाह ने जदयू नेता नीतीश कुमार द्वारा गठबंधन सहयोगियों को बार-बार बदलने का जिक्र करते हुए तीखा हमला किया था. उन्होंने कहा था कि पांच बार पाला बदलने वाले मुख्यमंत्री बने हुए हैं.
महागठबंधन में शामिल कांग्रेस की ओर इशारा करते हुए शाह ने नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि जिसने आपातकाल थोपा, ये लोगों उसी की गोद में जा बैठे हैं.
शाह के इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए 71 वर्षीय कुमार ने व्यंग्यात्मक रूप से शाह के बारे पूछा कि ‘उन्हें क्या मालूम है जेपी आंदोलन और देश की आजादी के बारे में? उन्हें इसके बारे में कोई ज्ञान और जानकारी है? क्या उम्र है?'
जदयू के शीर्ष नेता नीतीश कुमार ने दो महीने पहले भाजपा द्वारा अपनी पार्टी को विभाजित करने के कथित प्रयासों पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को छोड़ दिया था. कुमार ने 72 वर्षीय मोदी पर भी कटाक्ष करते हुए कहा, ‘उनकी पार्टी के लोग मेरे बारे में कहते रहते हैं कि उम्र बढ़ रही है. वह कितने साल के हैं? कहते हैं की मेरी उम्र हो गई है, उनकी उम्र कितनी है?'
नीतीश कुमार अक्सर कहते हैं कि भाजपा अब वह नहीं रही, जो अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के अधीन थी. उन्होंने कहा, ‘पिछली पीढ़ी के नेताओं में कई अच्छे गुण थे; लेकिन इन लोगों को किसी के लिए कोई सम्मान नहीं है, किसी चीज के बारे में कोई जानकारी नहीं है.' पार्टी द्वारा पटना में जेपी पर आयोजित एक संगोष्ठी में हिस्सा लेने के बाद कुमार मीडिया के साथ बातचीत कर रहे थे.
इससे पूर्व आज दिन में कुमार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की जेपी की 120वीं जयंती के अवसर पर उनकी जन्मस्थली सिताब दियारा की यात्रा के बारे में पूछे जाने पर कहा था, ‘कोई आए या जाए, हमकों कोई फर्क नहीं पडता है.'
अपने भाषण में स्वतंत्रता आंदोलन में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की कथित गैर भागीदारी और महात्मा गांधी की हत्या में कथित भूमिका के अप्रत्यक्ष संदर्भ के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा कि इतिहास की किताबों में जो लिखा है, उसे ढूंढो और अगर मैं गलत हूं तो मुझे सुधारो. कुमार ने भाजपा का नाम लिए बिना उसके इस दावे का भी मजाक उड़ाया कि वह जेपी और उनके संघर्षों से निकटता से जुड़ी हुई है.
जदयू के शीर्ष नेता नीतीश कुमार ने 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले देश भर में विपक्षी एकता बनाने की कोशिश शुरू कर दी है. अपने पूर्व सहयोगी पर विभाजनकारी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए लोगों से एक समुदाय को दूसरे के खिलाफ खड़ा करने के प्रयासों से सावधान रहने को कहा. उन्होंने जेपी के साथ अपने घनिष्ठ संबंध का जिक्र करते हुए कहा कि वह 1974 के आंदोलन की अगुवाई करने वाले छात्र कार्यकर्ताओं की 14 सदस्यीय समिति और आपातकाल के दौरान जेल भेजे गए लोगों में शामिल थे.
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