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This Article is From Jan 25, 2024

सरकार सामाजिक योजनाओं के क्रियान्वयन में ‘पूर्णता’ के करीब: निर्मला सीतारमण

सीतारमण ने कहा कि डीबीटी से न केवल सरकारी धन अंतरण में पारदर्शिता आई है, बल्कि प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से दक्षता भी बढ़ी है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार लोगों के बीच भेदभाव नहीं करती है. यही कारण है कि प्रधानमंत्री भारत को चार समूह - युवा, महिला, किसान और गरीब - में रखते हैं. जाति, धर्म और संप्रदाय की परवाह किये बिना इन समूहों के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के प्रयास किए जाते हैं.

सरकार सामाजिक योजनाओं के क्रियान्वयन में ‘पूर्णता’ के करीब:  निर्मला सीतारमण

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार गरीबों को बुनियादी जरूरतें मुहैया कराने के लिए बनाई गई सामाजिक योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर ‘पूर्ण लक्ष्य' तक पहुंचने के करीब है. सीतारमण ने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज की 125वीं वर्षगांठ के अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘अब समय आ गया है कि भारत आर्थिक रूप से ‘आत्मनिर्भर' बने और 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की ओर आगे बढ़े.''

पहले योजनाओं पर तेजी से काम नहीं होने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमने एक विकसित भारत के लिए नींव रखी है और सभी को बुनियादी जरूरतें प्रदान करके लोगों को सशक्त बनाया है.'' उन्होंने कहा कि पहले भी सरकार के पास घर, सड़क आदि उपलब्ध कराने की योजनाएं थीं, लेकिन उनपर तेजी से काम करने की भावना गायब थी. आजादी के 50 या 60 साल बाद भी लगभग 50 प्रतिशत आबादी बुनियादी चीजों से वंचित थी.

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘यह साफ है कि 2014 लेकर अबतक हमने तेजी के साथ काम किया है और योजनाओं को लक्ष्य तक पहुंचाने पर ध्यान दिया. हमने मानदंड आगे बढ़ाया है तथा आप इसे और आगे ले जाएंगे. सुनिश्चित करें कि हर कोई जो वास्तव में इसे पाने के योग्य है, उसे यह मिलना चाहिए...सरकार का उद्देश्य लोगों को सशक्त बनाना, उन्हें कौशल प्रदान करना, पहुंच प्रदान करना और यह सुनिश्चित करना है कि सभी को इलाज की अच्छी सुविधाएं तथा अन्य चीजें मिलें.''

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के अंतर्गत फर्जी और अवांछित लाभार्थियों को बाहर करके 2.5 लाख करोड़ रुपये की बचत की है.

सीतारमण ने कहा कि डीबीटी से न केवल सरकारी धन अंतरण में पारदर्शिता आई है, बल्कि प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से दक्षता भी बढ़ी है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार लोगों के बीच भेदभाव नहीं करती है. यही कारण है कि प्रधानमंत्री भारत को चार समूह - युवा, महिला, किसान और गरीब - में रखते हैं. जाति, धर्म और संप्रदाय की परवाह किये बिना इन समूहों के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के प्रयास किए जाते हैं.

सीतारमण ने यह भी कहा कि ​​तिलहन और दलहन को छोड़कर देश कृषि के मामले में लगभग आत्मनिर्भर है. हालांकि, उन्होंने इस बात की वकालत की कि किसी को खाना बर्बाद नहीं करना चाहिए क्योंकि दुनिया के कई हिस्से (खाद्यान) समस्याओं का सामना कर रहे हैं.

उन्होंने 22 जनवरी के राम लला प्राण प्रतिष्ठा समारोह को ‘सभ्यता का प्रतीक' बताया. यह उस पीढ़ी के लिए एक भाग्यशाली क्षण था जो सभ्यता के मूल्यों की बहाली का गवाह बन सका. वित्त मंत्री ने छात्रों से कौशल विकास के साथ-साथ सभ्यता और राष्ट्रवाद दोनों मूल्यों पर ध्यान देने का आग्रह किया.

उन्होंने छात्रों को से कहा कि देश 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाता है. वोट देना सिर्फ नागरिकों का अधिकार नहीं है बल्कि यह उनका कर्तव्य भी है. पहली बार मतदान करने वालों की अधिक जिम्मेदारी है.
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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