विज्ञापन
This Article is From Oct 17, 2019

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- निवेशकों को पूरी दुनिया में भारत से बेहतर नहीं मिलेगी कोई जगह

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि निवेशकों को पूरी दुनिया में भारत से बेहतर कोई जगह नहीं मिलेगी जहां लोकतंत्र में यकीन करने के साथ ही पूंजीवाद का सम्मान किया जाता है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- निवेशकों को पूरी दुनिया में भारत से बेहतर नहीं मिलेगी कोई जगह
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण- (फाइल फोटो)
वाशिंगटन:

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि निवेशकों को पूरी दुनिया में भारत से बेहतर कोई जगह नहीं मिलेगी जहां लोकतंत्र में यकीन करने के साथ ही पूंजीवाद का सम्मान किया जाता है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) मुख्यालय में बातचीत के एक सत्र में सीतारमण ने दुनिया भर के निवेशकों को आश्वासन दिया कि सरकार नये सुधार लाने पर निरंतर काम कर रही है. उन्होंने बुधवार को कहा, “यह (भारत) आज भी सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था है. इसके पास उत्कृष्ट कुशलता वाली श्रमशक्ति और ऐसी सरकार है जो सुधार के नाम पर जरूरी चीजों और इन सबसे ऊपर लोकतंत्र एवं विधि के शासन पर लगातार काम कर रही है.”

बैंकों की खस्ता हालात का ज़िम्मेदार बताए जाने पर बोले मनमोहन सिंह- किसी के सिर दोष मढ़ने का जुनून सवार है सरकार पर

निवेशक भारत में निवेश क्यों करें, इस सवाल के जवाब में सीतारमण ने कहा कि भले ही अदालती व्यवस्था में थोड़ी देरी हो जाती है लेकिन भारत एक पारदर्शी एवं मुक्त समाज है. उन्होंने कहा कि भारत में कानून व्यवस्था के साथ काम होता है और बहुत तेजी से सुधार हो रहे हैं, विलंबों को कम करने की दिशा में भी. भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग परिसंघों के संघ (फिक्की) और अमेरिका भारत रणनीतिक एवं साझेदारी फोरम द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “इसलिए आपको भारत जैसा लोकतंत्र पसंद और पूंजीवाद का सम्मान करने जैसा स्थान नहीं मिलेगा.”

बड़ी बीमा कंपनियों द्वारा इस क्षेत्र में निवेश पर लगी सीमा हटाने की अपील पर उन्होंने कहा कि सरकार को यह समझना होगा कि सीमा हटाने के अलावा इस क्षेत्र की और क्या उम्मीदें हैं. सीतारमण ने कहा कि उनका रुख इसके प्रति लचीला है और वे उन्हें ब्यौरा भेज सकते हैं. हालांकि वित्त मंत्री ने कहा कि वह इस वक्त उन्हें किसी तरह का आश्वासन नहीं दे सकती हैं लेकिन इस दिशा में काम करेंगी.

कांग्रेस नेता ने कहा था कि अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला देश को नष्ट कर देगा, 3 महीने हो गए हैं, क्या देश नष्ट हो गया : PM मोदी

उन्होंने कहा कि सरकार हर किसी के साथ साप्ताहिक आधार पर बातचीत कर रही है और कॉर्पोरेट क्षेत्र एवं निवेशकों के साथ भरोसे में कोई कमी नहीं आई है. साथ ही कहा कि इस बात को लेकर समझ बढ़ी है कि सरकार सुनने के लिए तैयार है और प्रतिक्रिया देने की भी इच्छुक है. भारतीय अर्थव्यवस्था की सुस्ती को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार राजकोषीय घाटे को और नहीं बढ़ने देने को लेकर प्रतिबद्ध है और सरकार “संकटग्रस्त” क्षेत्रों की समस्या को सुलझाने के लिए कदम उठा रही है.

सीतारमण ने कहा कि सार्वजनिक अवसंरचनाओं पर खर्च कर या लोगों के हाथ में पैसा देकर, इस दो आयामी दृष्टिकोण से उपभोग बढ़ाने को सुनिश्चित किया जा सकता है. यह भी सुनिश्चित किया जा सकता है कि संकट जो कुछ क्षेत्रों तक सीमित है, उससे निपटा जा सके. वित्तमंत्री ने कहा कि यह प्रक्रिया निरंतर चलनी चाहिए तब तक कि अर्थव्यवस्था में सही मायने में ठोस प्रगति नहीं दिखती. इससे पहले दोपहर में न्यूयॉर्क में, अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी फोरम (यूएसआईएसपीएफ) ने फिक्की, बैंक ऑफ अमेरिका और सिटीबैंक के साथ साझेदारी में संस्थागत निवेशकों के साथ बातचीत की थी.

Odd-Even In Delhi: किसे मिलेगी छूट और किस पर लागू होगा नियम, देखें पूरी लिस्ट

उद्योग को दिए गए सीतारमण के संदेश में निष्पक्ष नीति निर्माण, आरबीआई के साथ करीब से कार्य करते हुए बैंक सुधारों के क्रियान्वयन, तरलता का प्रवाह, निजी क्षेत्र में निवेश लाने और आर्थिक सुधारों को गहन बनाने के तरीकों की खोज में भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया गया. यूएसआईएसपीएफ के अध्यक्ष मुकेश आघी ने कहा, “मंत्री सीतारमण के साथ हमारी चर्चा बेहद स्पष्ट एवं सकारात्मक थी जो सरकार द्वारा पिछले छह महीनों में किए गए बेहद सकारात्मक सुधारों पर आधारित रही.”

उन्होंने कहा, “मोदी 2.0 सरकार ने उद्योग के साथ अपने सहयोग को बढ़ाने की इच्छा जाहिर की है और विदेशी निवेशकों के लिए बराबरी के मौके देने पर काम किया है. सबसे अहम है कि उद्योग ने भारत में कॉर्पोरेट टैक्स दरों में कटौती का स्वागत किया है. आघी ने कहा कि यह कदम अमेरिकी कंपनियों से ज्यादा निवेश को प्रोत्साहित करता है.

VIDEO: खबरों की खबर: वित्त मंत्री और उनके पति परकाला के बीच तर्कों के तीर

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com