नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री निरंजन ज्योति के मामले को बीजेपी ने आज नया मोड़ दे दिया। केंद्र में मंत्री और राज्यसभा सांसद मुख्तार अब्बास नकवी की अगुवाई में बीजेपी सांसदों ने संसद परिसर में लगी गांधी मूर्ति के सामने जाकर प्रदर्शन किया।
नकवी ने आरोप लगाया कि विपक्ष साध्वी के मामले को इसलिए तूल दे रहा है, क्योंकि मंत्री दलित समुदाय से हैं।
इससे पहले विपक्ष की मांग पर प्रधानमंत्री ने आज लोकसभा में इस मुद्दे पर अपना बयान दिया। उन्होंने निरंजन ज्योति की सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए सदन से उन्हें माफ कर देने की अपील की। यह भी कहा कि वह नई हैं और वरिष्ठजन उदारता दिखाएं।
विपक्ष प्रधानमंत्री के बयान से संतुष्ट नहीं हुआ। प्रमुख विपक्षी दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मामला किसी व्यक्ति के खिलाफ या उसकी सामाजिक हैसियत की वजह से नहीं उठाया गया है, बल्कि संविधान की शपथ लिए एक मंत्री की आपत्तिजनक भाषा की वजह से उठाया गया है। और विपक्ष यह देखना चाहता है कि उस पर क्या कार्रवाई होती है।
स्पीकर की तरफ से कहा गया कि प्रधानमंत्री के बयान की विपक्ष की मांग भी पूरी कर हो गई है और अब यह मामला खत्म हो गया, लेकिन विपक्ष लोकसभा से वॉकआउट कर गया। दरअसल विपक्ष मंत्री निरंजन ज्योति के इस्तीफे से कम पर मानने को तैयार नहीं है।
संसद की कार्यवाही चार दिनों से बाधित हो रही है। गुरुवार को कांग्रेस, टीएमसी, एसपी, आप, सीपीएम, आरएसपी, जेडीयू जैसी पार्टियां इस मुद्दे पर एकजुट होकर सामने आईं। आज गांधी मूर्ति के सामने कांग्रेस और टीएमसी के सांसदों ने मुंह पर काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया। लोकसभा के भीतर भी सांसदों ने काली पट्टी बांधे रखी।
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