दिल्ली कोचिंग सेंटर मामले में आज दिल्ली पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किए हैं. परविंदर सिंह, सर्वजीत सिंह, हरविंदर सिंह, तेजेंदर सिंह और मनोज कथूरिया को दिल्ली पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार किया है. मनूज कथूरिया को छोड़कर बाकी चारों आरोपी बेसमेंट के मालिक हैं. मतलब बेसमेंट के 4 मालिक हैं. पुलिस के मुताबिक, इमारत में ग्राउंड फ्लोर और बेसमेंट के अलावा 4 फ्लोर हैं.
2021 में किराये पर दिया
ग्राउंड फ्लोर में पार्किंग है. बेसमेंट में लाइब्रेरी है. वहीं ऊपर के 4 फ्लोर में कोचिंग सेंटर की क्लास और अन्य चीजे हैं. हर फ्लोर के मालिक अलग-अलग हैं. बेसमेंट को 2021 में कोचिंग सेंटर को किराए पर दिया गया था, लेकिन बेसमेंट के मालिकों ने उसमें कोई ड्रेनेज सिस्टम की व्यवस्था नहीं कराई थी. पुलिस ने हादसे के वक्त बेसमेंट में मौजूद कई छात्रों और फैकल्टी मेंबर के बयान दर्ज किए हैं.
पहले ये दो गिरफ्तार हुए
पुलिस हादसे के वक्त और उसके पहले की तमाम मोबाइल वीडियो फुटेज, सीसीटीवी फुटेज और तस्वीरें इकठ्ठा कर रही है. पुलिस ने एमसीडी से जिम्मेदार अधिकारियों के नाम, अगर कोचिंग सेंटर के पहले कोई शिकायत हुई है तो उसकी जानकारी और उस पर क्या करवाई हुई है आदि की पूरी जानकारी एमसीडी को नोटिस जारी कर मांगी है. इससे पहले पुलिस ने राव आईएएस कोचिंग के मालिक अभिषेक गुप्ता और कोऑर्डिनेटर देशराज सिंह को गिरफ्तार कर लिया.
अभिषेक भी नहीं है असली मालिक
दिल्ली पुलिस की जांच में समाने आया कि इस घटना में सबसे बड़ी लापरवाही अभिषेक गुप्ता की है, जो इस कोचिंग सेंटर का मालिक है. अभिषेक गुप्ता के नाम पर ही सारे एग्रीमेंट के कागजात हैं. वहीं कोचिंग सेंटर के चेयरमैन वीपी गुप्ता हैं, लेकिन वो ज्यादा बुजुर्ग हैं. वीपी गुप्ता ने अपने रिश्तेदार अभिषेक गुप्ता को मालिक बना रखा है.
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