
- नेपाल में जारी हिंसक प्रदर्शन के कारण हजारों भारतीय फंसे हुए हैं, जिन्हें वहां से निकालने के प्रयास जारी हैं.
- भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और भारतीयों के दस्तावेज़ों की कड़ी जांच की जा रही है.
- राजस्थान के करीब चार हजार लोग काठमांडू और आसपास के क्षेत्रों में फंसे हुए हैं.
Nepal Protest: नेपाल में हिंसक प्रदर्शन के बीच हजारों भारतीय फंसे हुए हैं. इन्हें वहां से निकालने की कवायद शुरू हो गई है. नेपाल में बड़ी संख्या में भारत के लोग रहते हैं और काम के सिलसिले में भी आते-जाते हैं. हिंसक प्रदर्शन के बीच बहुत से भारतीय नेपाल से वापस भारत आना चाह रहे हैं. लेकिन बिगड़ते हालत को देखते हुए भारत ने बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी कर दी है. लोगों के दस्तावेज जांचे जा रहे हैं, ऐसे में हजारों भारतीय नेपाल में फंसे हुए हैं. राजस्थान के करीब 4000 यात्री काठमांडू और आसपास के क्षेत्रों में फंसे हुए हैं. उधर, आंध्र प्रदेश के 187 लोग नेपाल में अटक गए हैं. नेपाल में भारतीयों के लिए भारतीय दूतावास (काठमांडू) और राज्य सरकार के हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिये हैं.
भारत-नेपाल सीमा पर हाई अलर्ट
नेपाल में पिछले दो दिनों से हो रहे हिंसक प्रदर्शन के चलते केंद्रीय एजेंसियों ने भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा अलर्ट जारी किया है. आगाह किया गया है कि उपद्रवी तत्व इस अशांति का फायदा उठाकर पड़ोसी भारतीय राज्यों में हिंसा भड़का सकते हैं. खुफिया सूत्रों ने चेतावनी दी है कि नेपाल के अशांत माहौल का फायदा उठाकर असामाजिक तत्व सीमावर्ती भारतीय राज्यों में हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर सकते हैं. अधिकारियों के अनुसार, इस खुफिया जानकारी के बाद उत्तराखंड पुलिस, उत्तर प्रदेश पुलिस, बिहार पुलिस और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) सहित भारत-नेपाल सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों को सतर्क कर दिया गया है. उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार में 1,751 किलोमीटर लंबी खुली सीमा पर कानून-व्यवस्था के किसी भी संभावित उल्लंघन को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को और सख्त कर दिया गया है.
भारत-नेपाल बॉर्डर पर क्या हैं हालात?
एनडीटीवी की टीम लखीमपुर खीरी ज़िले के गौरीफ़ंटा बॉर्डर पर मौजूद है, जहां बॉर्डर पर एसएसबी के अलावा पुलिस और पीएसी की तैनाती दिख रही है. आमतौर पर बॉर्डर पर सिर्फ़ एसएसबी की तैनाती रहती है. भारत के नागरिकों को नेपाल जाने की अनुमति नहीं है, लेकिन नेपाल में फंसे भारतीय पहचान पत्र दिखाकर इंडिया आ सकते हैं. नेपाली नागरिकों को नेपाल अपने यहां आने की अनुमति दे रहा है, लेकिन भारतीय नागरिक नेपाल में नहीं जा सकते.

आपको कुछ नहीं कहेंगे... नेपाल में फंसे ट्रक ड्राइव की आंखों देखी
तीन दशकों से इंडिया नेपाल में ट्रक चलाने वाले सरदार सुमेर सिंह ने बताया कि मंगलवार को उनके सामने धनगढ़ी में सारा बवाल हुआ. भीड़ ने जगह-जगह जमकर तोड़फोड़ की और आगजनी की. सभी सरकारी दफ़्तर एक-एक करके जलाए जा रहे थे. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने हमारी ट्रक को कुछ नहीं किया और हमें कहा कि आप साइड में जाकर कहीं खड़े हो जाइए, आपको कुछ नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि कल नेपाल में जो हाल दिखा, वैसी स्थिति माओवादी आंदोलन में भी नहीं दिखीं थीं. इसी तरह प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले सरजीत सिंह मंगलवार को कंपनी के काम से नेपाल गए थे. उनके सामने माहौल बिगड़ा. हालात बहुत ख़राब थे. कल किसी तरह नेपाल में रुके, लेकिन आज सुबह थोड़ी शांति देखकर वो भारत लौट आए. उन्होंने बताया कि नेपाल के अंदर माहौल बहुत ख़राब है.

राजस्थान के 4000 लोग नेपाल में फंसे
नेपाल में उपजे हालात के बीच राजस्थान के करीब चार हजार यात्री काठमांडू और आसपास के क्षेत्रों में फंसे हुए हैं. इनमें सबसे ज्यादा संख्या जयपुर से गए यात्रियों की है जिनकी संख्या लगभग सात सौ बताई जा रही है. काठमांडू एयरपोर्ट पर भी कई यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. नेपाल में तनाव की स्थिति के चलते पर्यटक स्थलों पर घूमने गए राजस्थानियों को वापसी में परेशानी हो रही है. बड़ी संख्या में लोग होटलों में ही रुके हुए हैं और हालात सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं. हालात बिगड़ने के बाद उन्हें फिलहाल वहीं रुकने को कहा गया है. मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने नेपाल में हुई हिंसा पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि वहां की परिस्थितियों को देखते हुए राजस्थान सरकार नेपाल में फंसे अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर सतर्क है. मुख्यमंत्री ने काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास से मौजूदा हालात की जानकारी भी ली है. मुख्यमंत्री ने नेपाल में रह रहे प्रवासी राजस्थानियों से अपील की है कि वे काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास के सतत संपर्क में बने रहें और भारत सरकार द्वारा जारी की जा रही एडवाइजरी का पालन करें.

आंध्र प्रदेश के 187 लोग फंसे, सरकार ने शुरू की स्वदेश लाने की कवायद
नेपाल में फंसे 187 लोगों को बाहर निकालने के लिए आंध्र प्रदेश सरकार ने बचाव अभियान शुरू किया. नेपाल में जारी अशांति के मद्देनजर, देश भर के विभिन्न स्थानों पर फंसे 187 तेलुगू नागरिकों की पहचान की गई है. मंत्री नारा लोकेश ने एनडीए के 'सुपर 6 सुपर हिट' कार्यक्रम में शामिल न होने का फैसला किया है और अमरावती स्थित राज्य आरटीजी मुख्यालय से शुरुआती बचाव प्रयासों की निगरानी कर रहे हैं.

विदेश मंत्रालय ने जारी की ये एडवाइजरी
विदेश मंत्रालय की एडवाइजरी के अनुसार, भारतीय नागरिकों को फिलहाल नेपाल की यात्रा टालने की सलाह दी गई है. जो भारतीय नागरिक वहां मौजूद हैं, वे अपने वर्तमान निवास स्थान पर ही सुरक्षित रहें और अनावश्यक रूप से सड़कों पर निकलने से बचें. साथ ही नेपाल प्रशासन और काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास की एडवाइजरी का पालन करें. आपात स्थिति में भारतीय दूतावास, काठमांडू से इन हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क किया जा सकता है. हेल्पलाइन नंबर्स- +977–980 860 2881 / +977–981 032 6134, इन नंबरों पर नियमित कॉल के अलावा व्हाट्सएप पर भी संपर्क किया जा सकता है.
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