केंद्र और किसान नेताओं के बीच वार्ता बेनतीजा, पंजाब में किसानों का आंदोलन रहेगा जारी | Negotiations between the Center and farmer leaders remain inconclusive, farmers' movement will continue in Punjab
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This Article is From Nov 13, 2020

केंद्र और किसान नेताओं के बीच वार्ता बेनतीजा, पंजाब में किसानों का आंदोलन रहेगा जारी

पंजाब में किसानों का आंदोलन जारी रहेगा. दिल्ली में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल के साथ पंजाब के किसान नेताओं और संगठनों की 7 घंटे तक चली बैठक बेनतीजा रही.

केंद्र और किसान नेताओं के बीच वार्ता बेनतीजा, पंजाब में किसानों का आंदोलन रहेगा जारी
केंद्र और किसान नेताओं के बीच वार्ता बेनतीजा
नई दिल्ली:

पंजाब में किसानों का आंदोलन जारी रहेगा. दिल्ली में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल के साथ पंजाब के किसान नेताओं और संगठनों की 7 घंटे तक चली बैठक बेनतीजा रही. अब किसान नेताओं ने तय किया है कि वह 18 नवंबर को चंडीगढ़ में एक महत्वपूर्ण बैठक कर आगे की रणनीति तय करेंगे. फिलहाल पंजाब के किसान संगठन 26 और 27 नवंबर को दिल्ली में सरकार के किसी सुधार के एजेंडे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के अपने फैसले पर कायम हैं. 

गौरतलब है कि  पंजाब राज्‍य के किसान यूनियन के नेताओं ने शुक्रवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) और रेलवे मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) के समक्ष कुछ मांगें रखी थी. इन नेताओं ने कहा था कि केंद्र सरकार जब तक हमारी इन मांगों को स्‍वीकार नहीं करती, पंजाब में किसानों का आंदोलन चलता रहेगा. पंजाब के किसान यूनियन के लीडर सुखदर्शन सिंह ने NDTV को बताया था, 'हमने कृषि मंत्री और रेल मंत्री के  सामने मांग रखी है कि कृषि सुधार से जुड़े तीनों कानूनों को तत्काल वापस लिया जाए क्योंकि इसके जरिए कॉर्पोरेट की पकड़ कृषि क्षेत्र पर काफी मजबूत हो जाएगी.इसके अलावा हमने यह भी मांग रखी है कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2020 को वापस किया जाए.

सुखदर्शन सिंह ने कहा कि हमने मांग की है कि पराली जलाने के लिए जो 5 साल तक की सजा और एक करोड़ तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है वह भी किसानों के खिलाफ है और इसे वापस लिया जाना चाहिए.इसके अलावा जेलों में बंद किसान नेताओं और जिन किसानों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं उन्‍हें वापस लेने की मांग भी केंद्र सरकार से की गई है. पंजाब की जो आर्थिक नाकेबंदी  की गई है उसे तत्काल हटाया जाए और पंजाब में गुड्स ट्रेन को चलाने की मंजूरी भारत सरकार दे. यूनियन नेताओं ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि जब तक भारत सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती हमारा आंदोलन पंजाब में चलता रहेगा.

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