केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले (फाइल फोटो)
हैदराबाद:
केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी के लिये मौजूदा आरक्षण में हस्तक्षेप किये बिना अन्य समुदायों के आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को आरक्षण देने का समर्थन किया. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी के आरक्षण को छुए बिना शेष 50 फीसदी में से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी में नहीं आने वाली जातियों के लड़के और लड़कियों जिनकी वार्षिक आय 6 लाख रुपये से कम है उन्हें 25 फीसदी आरक्षण देने के लिये एक कानून बनाया जाना चाहिए.' उन्होंने कहा कि दलितों से अन्याय के कारणों में से एक है कि दूसरे लोग यह महसूस करते हैं कि उस समुदाय को आरक्षण हासिल है.
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री ने कहा कि उन्हें सत्तारूढ़ राजग की एक बैठक में एक प्रस्ताव रखा है. उन्होंने महाराष्ट्र में मराठों, गुजरात में पटेलों, हरियाणा में जाटों, उत्तर प्रदेश में ठाकुरों और राजपूतों, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में रेड्डियों का उदाहरण दिया जिन्हें उनके द्वारा प्रस्तावित आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिये 25 फीसदी आरक्षण में शामिल किया जा सकता है.
उन्होंने कहा, 'संविधान में एक संशोधन किया जाएगा और इसे 75 फीसदी आरक्षण किया जाएगा. सबको राहत और न्याय मिलेगा. यह मेरी मांग है और मैं उसके लिये प्रयास कर रहा हूं.'
मंत्री ने यह टिप्पणी अपने उस बयान के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में की जिसमें उन्होंने कहा था कि क्रिकेट टीम में भी आरक्षण होना चाहिए. आरपीआई (ए) नेता ने कहा कि वह इस बात को देखने के लिये प्रयास करेंगे कि राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में आदिवासी और दलित समुदायों के खिलाड़ियों को शामिल किया जाए.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री ने कहा कि उन्हें सत्तारूढ़ राजग की एक बैठक में एक प्रस्ताव रखा है. उन्होंने महाराष्ट्र में मराठों, गुजरात में पटेलों, हरियाणा में जाटों, उत्तर प्रदेश में ठाकुरों और राजपूतों, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में रेड्डियों का उदाहरण दिया जिन्हें उनके द्वारा प्रस्तावित आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिये 25 फीसदी आरक्षण में शामिल किया जा सकता है.
उन्होंने कहा, 'संविधान में एक संशोधन किया जाएगा और इसे 75 फीसदी आरक्षण किया जाएगा. सबको राहत और न्याय मिलेगा. यह मेरी मांग है और मैं उसके लिये प्रयास कर रहा हूं.'
मंत्री ने यह टिप्पणी अपने उस बयान के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में की जिसमें उन्होंने कहा था कि क्रिकेट टीम में भी आरक्षण होना चाहिए. आरपीआई (ए) नेता ने कहा कि वह इस बात को देखने के लिये प्रयास करेंगे कि राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में आदिवासी और दलित समुदायों के खिलाड़ियों को शामिल किया जाए.
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