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This Article is From May 24, 2012

पितृत्व मामला : खून देने के अलावा तिवारी के पास दूसरा रास्ता नहीं

पितृत्व मामला : खून देने के अलावा तिवारी के पास दूसरा रास्ता नहीं
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को दिग्गज कांग्रेसी नेता एनडी तिवारी को पितृत्व मामले में रक्त का नमूना देने का निर्देश दिया जिसमें दिल्ली का एक युवक उनका बेटा होने का दावा कर रहा है।

रक्त का नमूना देने में किसी तरह की राहत मिलने की तिवारी की आखिरी उम्मीद उस वक्त खत्म हो गयी जब शीर्ष अदालत ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ कांग्रेस नेता की अपील को खारिज कर दिया। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में तिवारी को डीएनए जांच कराने का निर्देश देते हुए कहा था कि 86 वर्षीय नेता को खून का नमूना देने के लिए पुलिस बल को इस्तेमाल किया जा सकता है।

न्यायमूर्ति दीपक वर्मा और न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय की पीठ ने तिवारी से कहा है कि वह उस समय अपने घर पर मौजूद रहें जब एक जिला जज, देहरादून के सिविल सर्जन, दिल्ली उच्च न्यायालय के संयुक्त रजिस्ट्रार और एक पैथोलॉजिस्ट आएंगे।

अदालत ने यह निर्देश भी दिया कि हैदराबाद की सीडीएफडी प्रयोगशाला को खून का नमूना भेजने में पूरी गोपनीयता बरती जानी चाहिए।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 27 अप्रैल को अपने आदेश में तिवारी को पितृत्व मामले में डीएनए जांच कराने को कहा था और उन पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था।

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