Maharashtra Politics : महाराष्ट्र के खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंत्री और राकांपा (NCP) के वरिष्ठ नेता धर्मरावबाबा अत्राम (Dharmaraobaba Atram) ने अहेरी विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं से आग्रह किया है कि वे उनकी बेटी भाग्यश्री और दामाद ऋतुराज हल्गेकर को 'विश्वासघात' के लिए प्राणहिता नदी में फेंक दें, क्योंकि ऐसी खबरें सामने आई हैं कि वह शरद पवार (Sharad Pawar) की पार्टी में शामिल हो सकते हैं. अत्राम ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) की उपस्थिति में विवादास्पद टिप्पणी की. दोनों महायुति सरकार की मुख्यमंत्री माझी लड़की बहिन योजना और अन्य कल्याण और विकास योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए अपनी 'जनसम्मान यात्रा' के दौरान अहेरी में थे.
जो अपने बाप की नहीं...
अत्राम ने जोरदार तालियों और नारों के बीच कहा, ''लोग पार्टी छोड़ देते हैं, लेकिन उन पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है. हमारे परिवार में कुछ लोग मेरे राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल करके दूसरी पार्टी में शामिल होना चाहते हैं. शरद पवार की पार्टी के नेता मेरे घर को विभाजित करना चाहते हैं और मेरी बेटी को मेरे खिलाफ मैदान में उतारना चाहते हैं. मेरे दामाद और बेटी पर भरोसा मत करो. इन लोगों ने मुझे धोखा दिया है. सभी को इन्हें पास की प्राणहिता नदी में फेंक देना चाहिए. वे मेरी बेटी को अपने पक्ष में ले जा रहे हैं और उसे उसके पिता के खिलाफ खड़ा कर रहे हैं. जो लड़की अपने बाप की बेटी नहीं बन सकी, वो तुम्हारी कैसे बनेगी? आपको इसके बारे में सोचना होगा. वह तुम्हें क्या न्याय देगी? उन पर भरोसा मत करो. राजनीति में, मैं इसे अपनी बेटी, भाई या बहन के रूप में नहीं देखूंगा.”
"परिवार मेरे साथ"
आगामी चुनाव में अहेरी विधानसभा क्षेत्र से अत्राम एनसीपी के उम्मीदवार हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगर एक बेटी उन्हें छोड़ देती है, तो दूसरी बेटी अभी भी उनके साथ है, उनका बेटा, उनका भाई और उनके चचेरे भाई का बेटा भी उनके साथ हैं. उन्होंने कहा, ''पूरा परिवार मेरे पीछे इकट्ठा हो गया है.'' उन्होंने अपनी बेटी को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि वह अपनी चुनावी संभावनाओं को लेकर चिंतित नहीं हैं.
अजित पवार ने चेताया
राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजित पवार ने भी धर्मरावबाबा अत्राम की चेतावनी पर अपील की. उन्होंने कहा, “पूरा परिवार धर्मरावबाबा के साथ है. धर्मरावबाबा ने ही बेटी को जिला परिषद का अध्यक्ष बनाया है, लेकिन अब वे (भाग्यश्री) खुद धर्मरावबाबा के सामने चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं. कुश्ती हमारे यहां बहुत लोकप्रिय है. गुरु अपने सारे गुर किसी शिष्य को नहीं सिखाता. वह कुछ अपने लिए भी रखता है. मैं उनसे (भाग्यश्री से) कहना चाहता हूं कि गलती न करें, अपने पिता के साथ रहो. ”
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