मुंबई:
भारतीय नौसेना समंदर में अपनी ताक़त लगातार बढ़ाने में जुटी है. इसी कड़ी में भारतीय नौसेना का सबसे शक्तिशाली युद्धपोत मारमुगाओ समंदर में उतर गया है. मुंबई के मझगांव डॉक से भारतीय नौसेना के सबसे ताक़तवर जहाजों में शुमार मारमुगाओ समंदर में उतरा.
स्टेल्थ तकनीक से लैस ये पोत मिसाइल को चकमा देने के साथ परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध के समय बचाव करने में सक्षम है. पोत 7300 टन वज़नी और 163 मीटर लंबा है. इस पोत में 8 ब्रह्मोस और बराक मिसाइलें लगेंगी. इसकी रफ्तार 56 किमी/घंटा है और 75,000 वर्ग किलोमीटर समंदरी सरहद की निगरानी करने में ये सक्षम है.
इस पोत पर 50 अधिकारियों सहित 300 नौसैनिक तैनात रहेंगे. इस पोत में इस्रायल में निर्मित रडार एमएफ स्टार लगा है, जो कई किलोमीटर दूर से हवा में मौजूद लक्ष्य को पहचान लेता है, जिससे मिसाइल का निशाना भी सटीक होगा.
इस मौके पर नौसेना प्रमुख सुनील लांबा ने कहा, 'ये दुनिया के सर्वेश्रेष्ठ मारक पोतों में से एक है, जिससे भारतीय नौसेना की ताक़त का अंदाज़ा लगता है. इस जहाज में 68 फीसदी तकनीक विशुद्ध रूप से स्वदेशी है, खासकर मशीनरी. हथियारों का सेंसर भी डीआरडीओ और इस्रायल के सहयोग से बना है.'
मोगमुगाओ भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 15-बी के तहत बनाया गया दूसरा युद्धपोत है. इसका निर्माण भारत सरकार के 4 अत्याधुनिक युद्धपोत बनाने के लिये शुरू की गई 29,700 करोड़ रुपये की लागत वाली योजना के तहत हुआ है. भारतीय नौसेना के पास अभी दर्जनभर पनडुब्बियों सहित डेढ़ सौ छोटे बड़े जंगी जहाज हैं, लेकिन नौसेना को आधुनिक बनाने के लिये कई जहाज और पनडुब्बियां देश के अलग-अलग बंदरगाहों में तैयार हो रही हैं. मोरमुगाओ नाम गोवा के सबसे पुराने बंदरगाह से लिया गया है.
स्टेल्थ तकनीक से लैस ये पोत मिसाइल को चकमा देने के साथ परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध के समय बचाव करने में सक्षम है. पोत 7300 टन वज़नी और 163 मीटर लंबा है. इस पोत में 8 ब्रह्मोस और बराक मिसाइलें लगेंगी. इसकी रफ्तार 56 किमी/घंटा है और 75,000 वर्ग किलोमीटर समंदरी सरहद की निगरानी करने में ये सक्षम है.
इस पोत पर 50 अधिकारियों सहित 300 नौसैनिक तैनात रहेंगे. इस पोत में इस्रायल में निर्मित रडार एमएफ स्टार लगा है, जो कई किलोमीटर दूर से हवा में मौजूद लक्ष्य को पहचान लेता है, जिससे मिसाइल का निशाना भी सटीक होगा.
इस मौके पर नौसेना प्रमुख सुनील लांबा ने कहा, 'ये दुनिया के सर्वेश्रेष्ठ मारक पोतों में से एक है, जिससे भारतीय नौसेना की ताक़त का अंदाज़ा लगता है. इस जहाज में 68 फीसदी तकनीक विशुद्ध रूप से स्वदेशी है, खासकर मशीनरी. हथियारों का सेंसर भी डीआरडीओ और इस्रायल के सहयोग से बना है.'
मोगमुगाओ भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 15-बी के तहत बनाया गया दूसरा युद्धपोत है. इसका निर्माण भारत सरकार के 4 अत्याधुनिक युद्धपोत बनाने के लिये शुरू की गई 29,700 करोड़ रुपये की लागत वाली योजना के तहत हुआ है. भारतीय नौसेना के पास अभी दर्जनभर पनडुब्बियों सहित डेढ़ सौ छोटे बड़े जंगी जहाज हैं, लेकिन नौसेना को आधुनिक बनाने के लिये कई जहाज और पनडुब्बियां देश के अलग-अलग बंदरगाहों में तैयार हो रही हैं. मोरमुगाओ नाम गोवा के सबसे पुराने बंदरगाह से लिया गया है.
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