गणतंत्र दिवस समारोह में पहली बार लोक अदालत को दिखाने वाली झांकी भी होगी. राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण यानी NALSA की झांकी 26 जनवरी को राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेगी. कानून मंत्रालय के थीम में NALSA द्वारा "एक मुट्ठी आसमान (समावेशी कानूनी प्रणाली): लोक अदालत" है. अफसरों के मुताबिक झांकी के सामने के हिस्से में 'न्याय सबके लिए' दिखाया गया है, जो निडरता, गारंटी और सुरक्षा का प्रतीक है. पिछले हिस्से पर, एक हाथ को एक-एक करके अपनी पांच अंगुलियों को खोलते हुए देखा जा सकता है, जिसमें लोक अदालतों के पांच मार्गदर्शक सिद्धांतों को दर्शाया गया है - सभी के लिए सुलभ, निश्चित, सस्ता, न्यायसंगत और समय पर न्याय.
दरअसल लोक अदालत सुलह की भावना से कानूनी विवादों को हल करने के लिए अदालत के बाहर वैकल्पिक विवाद समाधान का एक अनूठा और लोकप्रिय तंत्र है. यह कम से कम समय में विवादों को निपटाने के लिए एक सरल और अनौपचारिक प्रक्रिया का पालन करता है. लोक अदालत का आदेश या फैसला अंतिम और गैर-अपील योग्य है.
साल 2021 में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालतों के दौरान 1,27,87,329 मामलों का निपटारा किया गया. सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठता में दूसरे नंबर के जज और देश के अगले मुख्य न्यायाधीश जस्टिस यू यू ललित की अगुवाई में NALSA ने देशभर में गरीबों और लाचारों को न्याय दिलाने के लिए प्रयास किए हैं.
इस बार 26 जनवरी को NALSA की झांकी में दिखेगा मुट्ठी भर आसमान की मुहिम का रंग जो उन करोड़ों गरीब, लाचार और निचले तबके की कानूनी मदद की जरूरतें पूरी करते हुए चढ़ा है. साल 2021 कोरोना की मार से कराहता निकला. लेकिन Nalsa ने लॉकडाउन के दौरान भी अपने मुट्ठी भर आसमान को पूरा फैलाया. देश भर में समय समय पर लगी लोक अदालतों के जरिए तीन करोड़ 26 लाख 61 हजार 963 मामलों की सुनवाई करते हुए एक करोड़ 27 लाख 87 हजार 329 मामले निपटा भी दिए.
इस पूरी मुहिम में दो खरब 53 अरब 20 करोड़ 65 लाख तीन हजार 40 रुपए का समझौता हुआ. अपराधिक मुकदमों में 36 लाख 31 हजार 167 मामले निपटाए गए. देश भर में एक साथ भी अधिकतर राज्यों में लोक अदालतों के आयोजन हुए. सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट्स और ट्रायल कोर्ट्स में एक साथ हजारों अदालतें लगीं. कुल निपटाए गए मामलों में तो 55 लाख 81 हजार 117 मामले तो अदालती फाइलों में गए बिना ही निपटा दिए गए यानी प्री लिटिगेशन स्टेज पर ही उन्हें नक्की कर दिया गया. निपटाए गए मामलों में अपराधिक, सिविल, पारिवारिक, बैंकिंग लोन रिकवरी, भू राजस्व, लेबर, बिजली पानी बिल, सर्विस मैटर्स भी शामिल थे.
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