प्रशांत भूषण (फाइल फोटो)
बेंगलुरु:
स्वराज अभियान के नेता प्रशांत भूषण ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अदालती लड़ाई वाले नेशनल हेराल्ड मामले और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रधान सचिव के कार्यालय पर सीबीआई छापे के लिए निशाना नहीं बनाया जा सकता।
आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व नेता भूषण ने कहा कि कांग्रेस को नेशनल हेराल्ड मामले में राजनीतिक बदले की कार्रवाई का शोर नहीं मचाना चाहिए। उन्होंने डीडीसीए में कथित वित्तीय अनियमिताओं की स्वतंत्र जांच एजेंसी से जांच कराने पर बल दिया। इस मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी जेटली का इस्तीफा मांग रही है।
उन्होंने कहा कि डीडीसीए की अगुवाई कर चुके जेटली के (वित्त मंत्री पद से) इस्तीफे की मांग महज आरोपों के आधार पर नहीं की जा सकती है, जब तक कि उनके आरोपों की पुष्टि करने वाला कोई सबूत न हो।
उन्होंने कहा, नेशनल हेराल्ड मामले और दिल्ली एवं जिला क्रिक्रेट संघ (डीडीसीए) घोटाले ऐसे मामले नहीं हैं, जिनके लिए नरेंद्र मोदी को निशाना बनाया जाए और जिम्मेदार ठहराया जाए। भूषण ने कहा कि मोदी को केजरीवाल के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के कार्यालय पर छापे के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि यह दिल्ली डॉयलॉग कमीशन के पूर्व सदस्य सचिव आशीष जोशी की शिकायत का परिणाम है, जिन्होंने गंभीर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया था।
जोशी ने 13 जुलाई, 2015 को शिकायत की थी कि राजेंद्र कुमार ने मई 2002 से फरवरी 2005 के बीच शिक्षा निदेशक और बाद में आईटी एवं स्वास्थ्य विभाग के सचिव एवं वैट आयुक्त रहने के दौरान कई कंपनियां बनाईं और बिना निविदाएं निकाले विभागों के काम उन्हें दिए, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा।
आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व नेता भूषण ने कहा कि कांग्रेस को नेशनल हेराल्ड मामले में राजनीतिक बदले की कार्रवाई का शोर नहीं मचाना चाहिए। उन्होंने डीडीसीए में कथित वित्तीय अनियमिताओं की स्वतंत्र जांच एजेंसी से जांच कराने पर बल दिया। इस मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी जेटली का इस्तीफा मांग रही है।
उन्होंने कहा कि डीडीसीए की अगुवाई कर चुके जेटली के (वित्त मंत्री पद से) इस्तीफे की मांग महज आरोपों के आधार पर नहीं की जा सकती है, जब तक कि उनके आरोपों की पुष्टि करने वाला कोई सबूत न हो।
उन्होंने कहा, नेशनल हेराल्ड मामले और दिल्ली एवं जिला क्रिक्रेट संघ (डीडीसीए) घोटाले ऐसे मामले नहीं हैं, जिनके लिए नरेंद्र मोदी को निशाना बनाया जाए और जिम्मेदार ठहराया जाए। भूषण ने कहा कि मोदी को केजरीवाल के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के कार्यालय पर छापे के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि यह दिल्ली डॉयलॉग कमीशन के पूर्व सदस्य सचिव आशीष जोशी की शिकायत का परिणाम है, जिन्होंने गंभीर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया था।
जोशी ने 13 जुलाई, 2015 को शिकायत की थी कि राजेंद्र कुमार ने मई 2002 से फरवरी 2005 के बीच शिक्षा निदेशक और बाद में आईटी एवं स्वास्थ्य विभाग के सचिव एवं वैट आयुक्त रहने के दौरान कई कंपनियां बनाईं और बिना निविदाएं निकाले विभागों के काम उन्हें दिए, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा।
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