वित्तमंत्री अरुण जेटली (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर संसद में हंगामे व गतिरोध के बीच वित्तमंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर तीखा कटाक्ष करते हुए कहा कि भारत ने यह कभी नहीं स्वीकार नहीं किया कि 'महारानी' कानून के प्रति जवाबदेह नहीं है। जेटली ने सोनिया व कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को चुनौती देते हुए कहा कि संसद के काम में बाधा खड़ी करने के बजाय मामले को कानूनी तरीके से लड़ें।
मामले में राजनीतिक प्रतिशोध की भावना नहीं
वित्तमंत्री ने फेसबुक पर अपनी एक पोस्ट में कांग्रेस के इस आरोप को भी खारिज किया है कि इस मामले में राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से काम किया जा रहा है। जेटली के अनुसार सरकार ने ‘इस संबंध में कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की है।’
जेटली की फेसबुक पर टिप्पणी जाहिरा तौर पर नेशनल हेराल्ड मामले में सुनवाई अदालत द्वारा सोनिया गांधी, राहुल गांधी व अन्य को सम्मन जारी करने के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ उनकी याचिका को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने के प्रकरण से संबंधित है। कांग्रेस के नेताओं ने अब सुनवाई अदालत से कहा है कि वे उसके समक्ष हाजिर होने को तैयार हैं।
कर मुक्त आय का प्रयोग रीयल एस्टेट कंपनी में
जेटली ने सोनिया व राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कहा है कि कांग्रेस के नेताओं ने ऐसे वित्तीय सौदों के जरिए अपने लिए ही ‘च्रकव्यूह’ बिछा लिया जिनमें एक राजनीतिक दल की कर मुक्त आय को एक रीयल एस्टेट कंपनी को हस्तांतरित कर दिया गया।
प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया है
उन्होंने लिखा है, ‘प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया है। आयकर विभाग अपने हिसाब से कार्रवाई करेगा.. सरकार ने इन विवादास्पद सौदों के संबंध में अपनी ओर से कोई आदेश जारी नहीं किया है।’ पूरे प्रकरण पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा है कि इसमें आपराधिक मामलों की सुनवाई करने वाली अदालत ने मामले का संज्ञान लिया और संबंधित उच्च न्यायालय ने सुनवाई अदालत के फैसले को सही करार दिया।
कानूनी ढंग से लड़नी होगी लड़ाई
वित्तमंत्री ने लिखा है, ‘यह लड़ाई कानूनी ढंग से लड़नी होगी। लेकिन कानूनी लड़ाइयों के परिणामों को लेकर हमेशा अनिश्चितता बनी रहती है। इसलिए कांग्रेस हायतौबा मचा रही है और इसे राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई करार दे रही है।’
कोई भी कानून से ऊपर नहीं है
वित्तमंत्री ने कहा है कि कानून के सामने सभी बराबर हैं। उन्होंने लिखा है, ‘कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। भारत ने कभी यह बात स्वीकार नहीं की कि महारानी कानून के प्रति जवाबदेह नहीं होती। कांग्रेस पार्टी और उसके नेता इस नोटिस को अदालत में चुनौती क्यों नहीं देते?’ उन्होंने कहा है, ‘इस मामले में सरकार या संसद मदद नहीं कर सकती। ऐसे में संसद में व्यवधान खड़ा करने और उसे विधायी कार्य करने से रोकने का क्या तुक बनता है।’
वित्तमंत्री ने कहा कि च्रकव्यूह में फंसे कांग्रेस नेताओं के लिए जवाब यह होना चाहिए कि वे इस मामले को कानूनी तरीके से लड़ें न कि संसद में व्यवधान पैदा करें। जेटली ने कहा, ‘लोकतंत्र में व्यवधान खड़ा कर कांग्रेस नेताओं द्वारा बुने गए वित्तीय मक्कड़जाल को तोड़ा नहीं जा सकता।’ गौरतलब है कि कांग्रेस ने लगातार तीन दिन से राज्यसभा की कार्रवाई को नहीं चलने दिया है। इस सदन में वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) विधेयक जैसे महत्वपूर्ण संविधान संशोधन विधेयक लंबित है। इसके शीघ्र पारित होने से ही जीएसटी एक अप्रैल 2016 से लागू करना संभव होगा। इसे देश में अप्रत्यक्ष कर प्रणाली का अब तक सबसे बड़ा सुधार माना जा रहा है।
फेसबुक पर ‘कांग्रेस गलत क्यों है?’ शीर्षक से लिखा लेख
फेसबुक पर ‘कांग्रेस गलत क्यों है?’ शीर्षक वाले इस लेख में जेटली ने सरकार पर राजनीतिक प्रतिशोध से काम करने के कांग्रेस के आरोप को ‘गोएबल का प्रचार’ करार दिया है। जोसेफ गोएबल जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर का प्रचार मंत्री था जिसकी रणनीति थी कि यदि आप किसी बड़े झूठ को बार बार कहें तो लोग उसे अंतत: सच मान लेते हैं।
नेशनल हेराल्ड अखबार चालू करने के लिए एक कंपनी बनाई गई
जेटली ने कहा है कि नेशनल हेराल्ड अखबार चालू करने के लिए एक कंपनी बनाई गई। उसे देश में कई जगह बेशकीमती जमीन आवंटित की गई पर आज वहां से कोई अखबार नहीं निकलता है। उन्होंने कहा, ‘उन जगहों पर अब केवल इमारते हैं जिनका वाणिज्यिक उपयोग हो रहा है।’ उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल राजनीतिक काम के लिए धन जुटाने के पात्र हैं और इसके लिए उन्हें आयकर भुगतान से छूट मिलती है।
कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ रुपये अखबार की कंपनी को दिए गए
जेटली ने लिखा है, ‘कांग्रेस पार्टी द्वारा जुटाए गए धन में से 90 करोड़ रुपये अखबार की कंपनी को दिए गए। यहां प्रथम दृष्टया यह कहा जा सकता है कि इस मामले में आयकर अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया क्योंकि कर छूट वाली आय का इस्तेमाल ऐसे कार्य के लिए किया गया जिस पर कर की छूट नहीं है।’
उन्होंने दावा किया कि कर्ज के रूप में दिए गए इस 90 करोड़ रुपये की लेनदारी को 50 लाख रुपये में धारा 25 की एक कंपनी (कला, विज्ञान, धर्म, परोपकार व अन्य उपयोगी उद्देश्यों के साथ काम करने वाली कंपनी) को सौंप दिया गया। इस तरह कर से छूट वाला धन प्रभावी तौर पर एक रीयल एस्टेट कंपनी के पास चला गया। इस रीयल एस्टेट कंपनी ने पहले वाली अखबारी कंपनी की 99 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर ली है।
कंपनी प्रभावी तौर पर अखबार के लिए जुटाई गई सारी संपत्ति की मालिक हो गई है
जेटली ने लिखा है, ‘धारा 25 की इस कंपनी प्रभावी तौर पर अब अखबार प्रकाशन के लिए जुटाई गई सारी संपत्ति की मालिक हो गई है और इसके लिए उसे एक तरह से कुछ नहीं खर्च करना पड़ा है। धारा 25 की यह कंपनी उसकी सारी संपत्तियों की स्वामी हो गई है। यह कंपनी काफी हद तक कांग्रेस पार्टी के नेताओं के नियंत्रण में है।’
जेटली ने लिखा है कि ‘यह लाभ इस कंपनी (धारा 25 वाली कंपनी) के हाथ में आकर भारी करयोग्य आय होगा।’ सुनवाई अदालत ने नेशनल हेराल्ड का मामला भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमणियम स्वामी ले गए हैं। वित्तमंत्री जेटली ने स्वामी के कार्य को एक ‘निजी व्यक्ति’ का कार्य बताते हुए कहा है, ‘हर नागरिक का कर्तव्य है कि अगर उसके सामने कोई अपराध हो रहा है तो वह उसकी सूचना दे। कोई भी नागरिक इस तरह की आपराधिक कार्रवाई शुरू करने के लिए अनुरोध कर सकता है।’
जेटली ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा सम्मन के खिलाफ आरोपियों की याचिका खारिज होने के बाद उनके सामने दो ही विकल्प हैं। ‘वे उस आदेश को या तो उच्चतम न्यायालय में चुनौती दें या सुनवाई अदालत में हाजिर होकर गुण दोष के आधार पर मामले को लड़ें।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस के ये नेता अपने ही बुने जिस ‘च्रकव्यूह’ में फंसे हैं उससे ‘निकलने का रास्ता उन्हें खुद खोजना होगा।’
मामले में राजनीतिक प्रतिशोध की भावना नहीं
वित्तमंत्री ने फेसबुक पर अपनी एक पोस्ट में कांग्रेस के इस आरोप को भी खारिज किया है कि इस मामले में राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से काम किया जा रहा है। जेटली के अनुसार सरकार ने ‘इस संबंध में कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की है।’
जेटली की फेसबुक पर टिप्पणी जाहिरा तौर पर नेशनल हेराल्ड मामले में सुनवाई अदालत द्वारा सोनिया गांधी, राहुल गांधी व अन्य को सम्मन जारी करने के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ उनकी याचिका को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने के प्रकरण से संबंधित है। कांग्रेस के नेताओं ने अब सुनवाई अदालत से कहा है कि वे उसके समक्ष हाजिर होने को तैयार हैं।
कर मुक्त आय का प्रयोग रीयल एस्टेट कंपनी में
जेटली ने सोनिया व राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कहा है कि कांग्रेस के नेताओं ने ऐसे वित्तीय सौदों के जरिए अपने लिए ही ‘च्रकव्यूह’ बिछा लिया जिनमें एक राजनीतिक दल की कर मुक्त आय को एक रीयल एस्टेट कंपनी को हस्तांतरित कर दिया गया।
प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया है
उन्होंने लिखा है, ‘प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया है। आयकर विभाग अपने हिसाब से कार्रवाई करेगा.. सरकार ने इन विवादास्पद सौदों के संबंध में अपनी ओर से कोई आदेश जारी नहीं किया है।’ पूरे प्रकरण पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा है कि इसमें आपराधिक मामलों की सुनवाई करने वाली अदालत ने मामले का संज्ञान लिया और संबंधित उच्च न्यायालय ने सुनवाई अदालत के फैसले को सही करार दिया।
कानूनी ढंग से लड़नी होगी लड़ाई
वित्तमंत्री ने लिखा है, ‘यह लड़ाई कानूनी ढंग से लड़नी होगी। लेकिन कानूनी लड़ाइयों के परिणामों को लेकर हमेशा अनिश्चितता बनी रहती है। इसलिए कांग्रेस हायतौबा मचा रही है और इसे राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई करार दे रही है।’
कोई भी कानून से ऊपर नहीं है
वित्तमंत्री ने कहा है कि कानून के सामने सभी बराबर हैं। उन्होंने लिखा है, ‘कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। भारत ने कभी यह बात स्वीकार नहीं की कि महारानी कानून के प्रति जवाबदेह नहीं होती। कांग्रेस पार्टी और उसके नेता इस नोटिस को अदालत में चुनौती क्यों नहीं देते?’ उन्होंने कहा है, ‘इस मामले में सरकार या संसद मदद नहीं कर सकती। ऐसे में संसद में व्यवधान खड़ा करने और उसे विधायी कार्य करने से रोकने का क्या तुक बनता है।’
वित्तमंत्री ने कहा कि च्रकव्यूह में फंसे कांग्रेस नेताओं के लिए जवाब यह होना चाहिए कि वे इस मामले को कानूनी तरीके से लड़ें न कि संसद में व्यवधान पैदा करें। जेटली ने कहा, ‘लोकतंत्र में व्यवधान खड़ा कर कांग्रेस नेताओं द्वारा बुने गए वित्तीय मक्कड़जाल को तोड़ा नहीं जा सकता।’ गौरतलब है कि कांग्रेस ने लगातार तीन दिन से राज्यसभा की कार्रवाई को नहीं चलने दिया है। इस सदन में वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) विधेयक जैसे महत्वपूर्ण संविधान संशोधन विधेयक लंबित है। इसके शीघ्र पारित होने से ही जीएसटी एक अप्रैल 2016 से लागू करना संभव होगा। इसे देश में अप्रत्यक्ष कर प्रणाली का अब तक सबसे बड़ा सुधार माना जा रहा है।
फेसबुक पर ‘कांग्रेस गलत क्यों है?’ शीर्षक से लिखा लेख
फेसबुक पर ‘कांग्रेस गलत क्यों है?’ शीर्षक वाले इस लेख में जेटली ने सरकार पर राजनीतिक प्रतिशोध से काम करने के कांग्रेस के आरोप को ‘गोएबल का प्रचार’ करार दिया है। जोसेफ गोएबल जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर का प्रचार मंत्री था जिसकी रणनीति थी कि यदि आप किसी बड़े झूठ को बार बार कहें तो लोग उसे अंतत: सच मान लेते हैं।
नेशनल हेराल्ड अखबार चालू करने के लिए एक कंपनी बनाई गई
जेटली ने कहा है कि नेशनल हेराल्ड अखबार चालू करने के लिए एक कंपनी बनाई गई। उसे देश में कई जगह बेशकीमती जमीन आवंटित की गई पर आज वहां से कोई अखबार नहीं निकलता है। उन्होंने कहा, ‘उन जगहों पर अब केवल इमारते हैं जिनका वाणिज्यिक उपयोग हो रहा है।’ उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल राजनीतिक काम के लिए धन जुटाने के पात्र हैं और इसके लिए उन्हें आयकर भुगतान से छूट मिलती है।
कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ रुपये अखबार की कंपनी को दिए गए
जेटली ने लिखा है, ‘कांग्रेस पार्टी द्वारा जुटाए गए धन में से 90 करोड़ रुपये अखबार की कंपनी को दिए गए। यहां प्रथम दृष्टया यह कहा जा सकता है कि इस मामले में आयकर अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया क्योंकि कर छूट वाली आय का इस्तेमाल ऐसे कार्य के लिए किया गया जिस पर कर की छूट नहीं है।’
उन्होंने दावा किया कि कर्ज के रूप में दिए गए इस 90 करोड़ रुपये की लेनदारी को 50 लाख रुपये में धारा 25 की एक कंपनी (कला, विज्ञान, धर्म, परोपकार व अन्य उपयोगी उद्देश्यों के साथ काम करने वाली कंपनी) को सौंप दिया गया। इस तरह कर से छूट वाला धन प्रभावी तौर पर एक रीयल एस्टेट कंपनी के पास चला गया। इस रीयल एस्टेट कंपनी ने पहले वाली अखबारी कंपनी की 99 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर ली है।
कंपनी प्रभावी तौर पर अखबार के लिए जुटाई गई सारी संपत्ति की मालिक हो गई है
जेटली ने लिखा है, ‘धारा 25 की इस कंपनी प्रभावी तौर पर अब अखबार प्रकाशन के लिए जुटाई गई सारी संपत्ति की मालिक हो गई है और इसके लिए उसे एक तरह से कुछ नहीं खर्च करना पड़ा है। धारा 25 की यह कंपनी उसकी सारी संपत्तियों की स्वामी हो गई है। यह कंपनी काफी हद तक कांग्रेस पार्टी के नेताओं के नियंत्रण में है।’
जेटली ने लिखा है कि ‘यह लाभ इस कंपनी (धारा 25 वाली कंपनी) के हाथ में आकर भारी करयोग्य आय होगा।’ सुनवाई अदालत ने नेशनल हेराल्ड का मामला भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमणियम स्वामी ले गए हैं। वित्तमंत्री जेटली ने स्वामी के कार्य को एक ‘निजी व्यक्ति’ का कार्य बताते हुए कहा है, ‘हर नागरिक का कर्तव्य है कि अगर उसके सामने कोई अपराध हो रहा है तो वह उसकी सूचना दे। कोई भी नागरिक इस तरह की आपराधिक कार्रवाई शुरू करने के लिए अनुरोध कर सकता है।’
जेटली ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा सम्मन के खिलाफ आरोपियों की याचिका खारिज होने के बाद उनके सामने दो ही विकल्प हैं। ‘वे उस आदेश को या तो उच्चतम न्यायालय में चुनौती दें या सुनवाई अदालत में हाजिर होकर गुण दोष के आधार पर मामले को लड़ें।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस के ये नेता अपने ही बुने जिस ‘च्रकव्यूह’ में फंसे हैं उससे ‘निकलने का रास्ता उन्हें खुद खोजना होगा।’
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