नरेंद्र दाभोलकर का फाइल फोटो
पुणे:
नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार सनातन संस्था के सदस्य वीरेंद्र तावडे को घटना से करीब दो-तीन तीन पहले एक ईमेल के जरिये अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता पर 'ध्यान देने' को कहा गया था। सीबीआई ने तावडे की हिरासत बढ़ाने की मांग करते हुए कहा कि उसने तावडे के अलावा पांच और लोगों की शिनाख्त की है जिन पर अपराध में सीधी भूमिका निभाने का संदेह है। अदालत ने तावडे की हिरासत 20 जून तक बढ़ा दी।
सीबीआई ने कहा कि संदिग्धों ने अपनी ईमेल बातचीत में 'चॉकलेट', 'साहित्य', 'डेविल' और विभिन्न अन्य शब्दों जैसे कोड वर्ड का इस्तेमाल किया। एजेंसी के वकील बी पी राजू ने अदालत से कहा कि दाभोलकर की हत्या से दो से तीन महीने पहले तावडे को एक अज्ञात व्यक्ति से एक ईमेल आया था जिसमें उससे दाभोलकर पर ‘‘ध्यान’’ देने को कहा गया था।
राजू ने कहा, 'तावडे ने ईमेल का जवाब नहीं दिया लेकिन उसमें दिए गए निर्देश का पालन करते हुए 20 अगस्त, 2013 को हत्या को अंजाम दिया।' एजेंसी ने कहा कि मामले के एक गवाह ने सीबीआई द्वारा दोबारा जारी किए गए स्केच के आधार पर सारंग अकोलकर की एक हमलावर के तौर पर शिनाख्त की। अकोलकर भी दक्षिणपंथी सनातन संस्था का ही सदस्य है और हत्या के सिलसिले में वांछित है।
तावडे की हिरासत मांगते हुए सीबीआई ने अदालत से कहा कि वह संस्था के विनय पवार और अग्रवाल नाम के एक व्यक्ति से पूछताछ करना चाहती है। एजेंसी ने साथ ही कहा कि ईमेल की बातचीत में देश के विभिन्न हिस्सों से हथियार हासिल करने की बात की गई थी।
उल्लेखनीय है कि 20 अगस्त, 2013 को पुणे के ओंकारेश्वर पुल पर सुबह की सैर के दौरान दाभोलकर की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
सीबीआई ने कहा कि संदिग्धों ने अपनी ईमेल बातचीत में 'चॉकलेट', 'साहित्य', 'डेविल' और विभिन्न अन्य शब्दों जैसे कोड वर्ड का इस्तेमाल किया। एजेंसी के वकील बी पी राजू ने अदालत से कहा कि दाभोलकर की हत्या से दो से तीन महीने पहले तावडे को एक अज्ञात व्यक्ति से एक ईमेल आया था जिसमें उससे दाभोलकर पर ‘‘ध्यान’’ देने को कहा गया था।
राजू ने कहा, 'तावडे ने ईमेल का जवाब नहीं दिया लेकिन उसमें दिए गए निर्देश का पालन करते हुए 20 अगस्त, 2013 को हत्या को अंजाम दिया।' एजेंसी ने कहा कि मामले के एक गवाह ने सीबीआई द्वारा दोबारा जारी किए गए स्केच के आधार पर सारंग अकोलकर की एक हमलावर के तौर पर शिनाख्त की। अकोलकर भी दक्षिणपंथी सनातन संस्था का ही सदस्य है और हत्या के सिलसिले में वांछित है।
तावडे की हिरासत मांगते हुए सीबीआई ने अदालत से कहा कि वह संस्था के विनय पवार और अग्रवाल नाम के एक व्यक्ति से पूछताछ करना चाहती है। एजेंसी ने साथ ही कहा कि ईमेल की बातचीत में देश के विभिन्न हिस्सों से हथियार हासिल करने की बात की गई थी।
उल्लेखनीय है कि 20 अगस्त, 2013 को पुणे के ओंकारेश्वर पुल पर सुबह की सैर के दौरान दाभोलकर की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी।
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