भाजपा अपने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की 22 दिसंबर को होने वाली रैली की 'जबर्दस्त' सफलता सुनिश्चित करने के लिए भरसक प्रयास कर रही है। साथ ही कांग्रेस को कड़ा संदेश देने के लिए तकरीबन 10 हजार चाय विक्रेताओं को न्योता दे रही है।
पार्टी के एक पदाधिकारी ने बुधवार शाम कहा, 'शहर के तकरीबन 10 हजार चाय विक्रेताओं को मोदीजी की रैली में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। हम उन्हें शीघ्र न्योता देंगे।'
जब से मोदी को पार्टी के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया है तब से वह अपनी चाय विक्रेता की पृष्ठभूमि का उल्लेख कर रहे हैं ताकि आम जनता के साथ अपना जुड़ाव दिखा सकें।
पदाधिकारी ने कहा, 'चाय विक्रेताओं को आमंत्रित करके हम कांग्रेस को संदेश भेजेंगे।' 5000 निजी बसों के अतिरिक्त राज्य इकाई ने 20-22 ट्रेनों को बुक किया है ताकि राज्य के विभिन्न हिस्सों से अपने कार्यकर्ताओं को लाया जा सके। यह रैली एमएमआरडीए मैदान में होने वाली है।
पार्टी के एक नेता ने कहा कि शहर से कम से कम 20 हजार छात्र भी भाजपा की युवा शक्ति अभियान के जरिए रैली में हिस्सा लेंगे।
एक पदाधिकारी के अनुसार प्रदेश भाजपा नेता चाहते हैं कि भारी भीड़ आकषिर्त करके रैली को जबर्दस्त रूप से सफल बनाया जाए, जैसा पटना में मोदी की हुनकार रैली में हुआ था।
जहां कांग्रेस ने मोदी पर अपनी साधारण पृष्ठभूमि का उल्लेख करके लोगों का समर्थन हासिल करने का प्रयास करने का आरोप लगाया है, वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने हाल में कहा था कि 'चाय बेचने वाला' भी देश का प्रधानमंत्री बन सकता है।
हाल में समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा था कि 'चाय बेचने वाले का राष्ट्रीय नजरिया नहीं हो सकता है।' हालांकि, मोदी ने 'चायवाला' होने के नाते अपने उपर हो रहे हमले का अपने फायदे में इस्तेमाल करते हुए कहा, 'एक व्यक्ति जो जूता पॉलिश करता है वह भी देश की किस्मत बदल सकता है।'
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