बाजार में बने रहने के लिए MTNL और BSNL में विलय को जरुरी मानते हैं MTNL के अधिकारी
नई दिल्ली:
सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों एमटीएनएल तथा बीएसएनएल का विलय परिचालन में तालमेल के लिए जरूरी है. एमटीएनएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पीके पुरवार ने कहा कि बेहद प्रतिस्पर्धी दूरसंचार बाजार में अखिल भारतीय स्तर पर मजबूत मौजूदगी के लिए ऐसा विलय जरूरी है. यह बयान ऐसे समय आया है जबकि बीएसएनएल-एमटीएनएल के विलय को लेकर चर्चा चल रही है.
एक संसदीय समिति ने हाल में कहा है कि दूरसंचार विभाग की योजना इस विलय प्रस्ताव को जून में केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखने की है. पुरवार ने कहा कि उद्योग का एकीकरण हो रहा है. यह बीएसएनएल और एमटीएनएल का मुद्दा नहीं है. किसी ऑपरेटर के लिए भारत में सफल होने को अखिल भारतीय स्तर पर परिचालन जरूरी है. उन्होंने कहा कि बीएसएनएल-एमटीएनएल का विलय एक वांछित स्थिति है.
हालांकि, दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने संसद में एक लिखित जवाब में कहा कि फिलहाल बीएसएनएल और एमटीएनएल के विलय के लिए कोई प्रस्ताव नहीं है. महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) दिल्ली और मुंबई में सेवाएं देती है. वहीं भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) देश के अन्य हिस्सों में परिचालन है.
पुरवार ने एयरटेल-टेलीनॉर, आरकॉम-एयरसेल तथा वोडाफोन-आइडिया सेल्युलर के विलय का उदाहरण देते हुए कहा कि अब सीमान्त ऑपरेटरों के दिन लद गए .आपकी उपस्थिति अखिल भारतीय स्तर की होनी चाहिए. पुरवार का मानना है कि दोनों सरकारी दूरसंचार कंपनियों के बीच परिचालन तालमेल तथा विलय उनकी पूर्ण क्षमता के दोहन के लिए जरूरी है.
एक संसदीय समिति ने हाल में कहा है कि दूरसंचार विभाग की योजना इस विलय प्रस्ताव को जून में केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखने की है. पुरवार ने कहा कि उद्योग का एकीकरण हो रहा है. यह बीएसएनएल और एमटीएनएल का मुद्दा नहीं है. किसी ऑपरेटर के लिए भारत में सफल होने को अखिल भारतीय स्तर पर परिचालन जरूरी है. उन्होंने कहा कि बीएसएनएल-एमटीएनएल का विलय एक वांछित स्थिति है.
हालांकि, दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने संसद में एक लिखित जवाब में कहा कि फिलहाल बीएसएनएल और एमटीएनएल के विलय के लिए कोई प्रस्ताव नहीं है. महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) दिल्ली और मुंबई में सेवाएं देती है. वहीं भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) देश के अन्य हिस्सों में परिचालन है.
पुरवार ने एयरटेल-टेलीनॉर, आरकॉम-एयरसेल तथा वोडाफोन-आइडिया सेल्युलर के विलय का उदाहरण देते हुए कहा कि अब सीमान्त ऑपरेटरों के दिन लद गए .आपकी उपस्थिति अखिल भारतीय स्तर की होनी चाहिए. पुरवार का मानना है कि दोनों सरकारी दूरसंचार कंपनियों के बीच परिचालन तालमेल तथा विलय उनकी पूर्ण क्षमता के दोहन के लिए जरूरी है.
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