ट्विटर (Twitter) ने 18 अक्टूबर को अपने प्लेटफॉर्म पर लेह-लद्दाख (Leh Ladakh) की जियो टैग लोकेशन को जम्मू-कश्मीर, चीन (China) में दिखाया था. जिसके बाद केंद्र सरकार के आईटी सचिव अजय साहनी ने ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी को इस मामले में कड़ी चेतावनी के साथ चिट्ठी लिखी थी. सरकार ने ट्विटर द्वारा भारत के नक्शे को गलत तरीके से दिखाने पर आपत्ति दर्ज कराई थी. ट्विटर ने इस मुद्दे पर सरकार के समक्ष सफाई पेश की थी लेकिन अब इस मामले को देख रही समिति का कहना है कि ट्विटर की सफाई अपर्याप्त है.
पैनल की चीफ मीनाक्षी लेखी (Meenakshi Lekhi) ने कहा कि समिति अपनी राय में इस बात पर एकमत है कि लद्दाख को चीन के हिस्से के रूप में दर्शाने वाले ट्विटर पर स्पष्टीकरण अपर्याप्त था. ट्विटर इंडिया के अधिकारियों ने आज समिति को बताया कि ट्विटर इस मुद्दे पर भारत की संवेदनशीलता का सम्मान करता है लेकिन ये नाकाफी है. ये सिर्फ संवेदनशीलता का सवाल नहीं है. ये भारत की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ है. लद्दाख को चीन का हिस्सा दिखाना एक आपराधिक कृत्य है, इस अपराध के लिए 7 साल तक कैद हो सकती है.
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आईटी सचिव अजय साहनी ने ट्विटर को दो टूक शब्दों में स्पष्ट किया था कि लेह केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख का हिस्सा है. लद्दाख और जम्मू-कश्मीर भारत के अभिन्न अंग हैं, जो भारत के संविधान द्वारा शासित हैं. साहनी ने ट्विटर को स्पष्ट शब्दों में कहा है कि सोशल साइट को भारत के लोगों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए.
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उन्होंने कहा कि ट्विटर द्वारा भारत की संप्रभुता और अखंडता के साथ किया गया अपमान स्वीकार नहीं किया जाएगा. यह कानून का भी उल्लंघन होगा. आईटी सचिव ने पत्र में लिखा कि ऐसे कार्यों से न सिर्फ ट्विटर की साख गिरती है बल्कि सोशल साइट की तटस्थता और निष्पक्षता पर भी सवाल उठते हैं.
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