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This Article is From Apr 07, 2023

MP : जिस बेटी की हत्या के जुर्म में पिता और भाई ने काटी सजा, 9 साल बाद घर लौटी जिंदा

13 जून 2014 को कंचन उइके छिंदवाड़ा में अपने घर से लापता हो गई थी. इसके बाद परिजनों ने पहले कंचन की तलाश शुरू की और बाद में जब वह नहीं मिली तो उसके गुमशुदा होने की सूचना पुलिस को दी गई.

MP : जिस बेटी की हत्या के जुर्म में पिता और भाई ने काटी सजा, 9 साल बाद घर लौटी जिंदा
मध्य प्रदेश में पुलिस की लापरवाही आई सामने (प्रतीकात्मक चित्र)
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
एमपी पुलिस की जांच पर उठे सवाल
पुलिस की लापरवाही की वजह से पीड़िता के पिता और भाई को हुई थी सजा
पुलिस के रिकॉर्ड में मृत कंचन, जिंदा घर लौटी
भोपाल:

मध्यप्रदेश में पुलिस की लापरवाही का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. पुलिस ने जिस लड़की की हत्या के मामले में उसके पिता और भाई को सजा दिलवाई वो लड़की नौ साल बाद अपने घर वापस आ गई है. लड़की के जिंदा घर वापस आने पर अब पुलिस की कार्रवाई पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं. ऐसा कैसे हो गया कि पुलिस ने जिस कंकाल को पीड़िता का बताया था वो आखिर जिंदा वापस कैसे आ गई. अब लड़की के पिता और भाई को हुई जेल की सजा के लिए आखिर जिम्मेदार कौन है? बता दें कि ये घटना एमपी के छिंदवाड़ा के सिंगोड़ी का है. पुलिस के रिकॉर्ड में जिस लड़की को मरा हुआ बताया गया है उसकी पहचान कंचन उइके के रूप में की गई है. लेकिन अब कंचन घर लौट आई है और उसकी शादी हो गई है. 

बता दें कि 13 जून 2014 को कंचन उइके छिंदवाड़ा में अपने घर से लापता हो गई थी. इसके बाद परिजनों ने पहले कंचन की तलाश शुरू की और बाद में जब वह नहीं मिली तो उसके गुमशुदा होने की सूचना पुलिस को दी गई. पुलिस ने अपनी जांच शुरू की. दो साल पहले ही पुलिस कंचन के घर के पास से एक कंकाल को ढूंढ़ निकाला. इसके बाद पुलिस ने साबित कर दिया कि कंचन की हत्या उसके पिता और भाई ने करके उसके शव को पास के ही खेत में दफना दिया था.

हालांकि. कंचन के परिजनों का कहना था कि जिस कंकाल को पुलिस कंचन का बता रही है वो तो उनके किसी परिजन का है. लेकिन पुलिस ने उनकी एक ना सुनी. कोर्ट में कंचन की हत्या साबित करने के बाद कंचन के पिता और भाई को जेल हो गई. आरोप है कि पुलिस ने कंचन के भाई और पिता पर आरोप को स्वीकार करने का भी दबाव बनाया था. कंचन का भाई एक महीने पहले ही जमानत पर छूटा है, जबकि कंचन का पिता अभी भी जेल में है. कंचन अब शादीशुदा है और उसके दो बच्चे भी हैं. वो मालवा जिले में रहती है. 

कंचन अपने घर लौटी और जब उसको पता चला कि उसकी हत्या के जुर्म में उसके पिता और भाई को जेल हुई है तो वो सीधे पुलिस थाने पहुंची. वहां मौजूद पुलिसकर्मियों को उसने बताया कि उसकी हत्या के जुर्म में ही पुलिस ने उसके पिता और भाई को सजा दिलाई है लेकिन वो तो जिंदा है. कंचन घर वापस आने के बाद कहा कि मैं उस दौरान गुस्से में चली गई थी.  मुझे जब पता चला कि पुलिस वाले मेरे घरवालों को टॉर्चर कर रहे हैं तो मुझे सामने आकर बोलना पड़ा कि मैं जिंदा हूं. 

कंचन के सामने आने के बाद अब सवाल पुलिस की जांच पर उठ रहे हैं. ऐसा इसलिए भी क्योंकि पुलिस ने जिस कंकाल को कंचन का बताया था, उस कंकाल के डीएनए की रिपोर्ट अभी तक पेश नहीं की गई है. इस मामले को लेकर संजीव उइके, एएसपी ने कहा कि 2014 में थाना अरमवाड़ा में 363 का प्रकरण दर्ज हुआ था. एक बच्ची घर से गायब हो गई थी. पुलिसकर्मियों से पूछताछ हुई जिसमें पिता-भाई ने कबूल किया था, डीएनए रिपोर्ट लंबित है, प्रकरण का ट्रायल कोर्ट में है. पिता की जमानत हो चुकी है, जबकि भाई अभी भी जेल में है, जब तक डीएनए रिपोर्ट नहीं आती तब तक कुछ कहा नहीं जा सकता है. 

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