विज्ञापन
3 minutes ago
नई दिल्‍ली:

राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के प्रमुख चीफ मोहन भागवत ने विजयादशमी कार्यक्रम में अहिल्‍यबाई होल्‍कर और दयानन्द सरस्वती जैसी महान हस्तियों को याद करते हुए कहा कि इन्‍होंने अपने लिए कुछ नहीं किया, जो कुछ भी किया समाज और देश के लिए किया. इससे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने महाराष्ट्र के नागपुर में वार्षिक विजयादशमी उत्सव में 'शस्त्र पूजा' कर कार्यक्रम की शुरुआत की. हर साल ये कार्यक्रम दशहरे के अवसर पर किया जाता है. इसके बाद मोहन भागवत संघ के सदस्‍यों को संबोधित करेंगे. मोहन भागवत के इस संबोधन में कई संदेश भी होते हैं. संघ सदस्‍यों के लिए ये दिन काफी अहम है. दरअसल, हर साल विजयदशमी के दिन राष्ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ द्वारा पूरे विधि-विधान के साथ शस्त्र का पूजन की जाती है, इसी दिन संघ की स्थापना की गई थी. 27 सितंबर 1925 में विजयादशमी के दिन संघ की स्थापना हुई थी.

Mohan Bhagwat Speech Live Updates...

दुर्बल रहने से काम नहीं बनेगा- मोहन भागवत

हमारे समाज में जिनको देखकर लोग आगे बढ़ते हैं, जिनको बड़ा माना जाता है, वो जैसा करते हैं, लोग वैसा करते हैं. उनको करने वालों को यह देखना चाहिए कि उन्हें ऐसा करना है, जिससे समाज को धक्का नहीं लगे. ऐसा ही भारत के साथ भी है. भारत को शक्ति संपन्‍न बनना पड़ेगा. दुर्बल रहने से काम नहीं बनेगा. 

अपनों की मदद करना कर्तव्य- मोहन भागवत

गणेश उत्‍सव के दौरान हुई पथराव की घटनाओं का जिक्र करते हुए मोहन भागवत ने कहा, 'पिछले दिनों गणेश उत्सव के दौरान विसर्जनों पर पथराव हुआ, क्यों हुआ कोई कारण नहीं था. ऐसी गुंडागर्दी नहीं चलनी चाहिए, किसी को भी चलाने नहीं देनी चाहिए. अपने अधिकार की रक्षा करना अपना अधिकार है. पुलिस प्रशासन का काम है रक्षा करना लेकिन उससे पहले भी अपनों की मदद करना कर्तव्य है. मैं ये वर्णन किसी को डराने के लिए नहीं कर रहा हूं. ये परिस्थिति है, हमें ऐसी परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा.' 

सिर्फ वाल्मीकि बस्तियों में क्‍यों बने वाल्मीकि जयंती- मोहन भागवत

मोहन भागवत ने समाज के सभी वर्गों के बीच सहभागिता पर बल देते हुए कहा, ' वाल्मीकि जयंती केवल वाल्मिकी समाज के लोगों को ही क्‍यों मनानी चाहिए. ये सिर्फ वाल्मीकि बस्तियों में ही क्‍यों मननी चाहिए? जयंती सबको मनानी चाहिए. सभी को सहभागिता करनी चाहिए. अपने समाज में अनेक जाति वर्ग है जहां अलग-अलग संस्थाएं नेतृत्व करती हैं. समाज के सभी वर्गों में व्यक्तियों और कुटुंबों की मित्रता होनी चाहिए. 

आरजी कर अस्पताल में जो हुआ वो लज्जित करने वाला- मोहन भागवत

कोलकाता के आरजी कर अस्‍पताल की घटना का जिक्र करते हुए मोहन भागवत ने कहा, 'द्रौपद्री के वस्त्र का हरण हुआ, तो महाभारत जैसे युद्ध हो गया. सीता हरण हुआ, तो रामायण हो गया. कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में जो हुआ वो लज्जित करने वाला हो गया है. ऐसा नहीं होना चाहिए था. होने के बाद भी वहां जिस तरह की टालमटोली हुई वो अपराध और राजनीति के गठबंधन को दिखाता है. 

मोबाइल में बच्‍चे क्‍या देख रहे, इस पर किसी का नियंत्रण नहीं- RSS प्रमुख

बच्‍चों के द्वारा मोबाइल पर देखे जा रहे गलत कंटेंट का जिक्र करते हुए संघ प्रमुख ने कहा, 'आज बच्चों के हाथों में भी मोबाइल दिख रहे हैं. लेकिन इसमें वो क्या देख रहे हैं, इस पर किसी का नियंत्रण नहीं है. इस पर नियंत्रण करना घर परिवार और विधि व्यवस्था पर भी जरूरी है. इस स्थिति के कुपरिणाम भी हैं. कई जगह युवा पीढ़ी नशे के जाल में फंस रही है. 

मौजूद युद्ध को 'मंत्र विप्लव' कहते हैं- RSS चीफ मोहन भागवत

युद्ध में तकनीक के हो रहे बढ़ते चलन का जिक्र करते हुए मोहन भागवत ने कहा, 'अब युद्ध करने का तरीका बदल गया है. अब पहले जैसा आपस में युद्ध करना आसान नहीं रह गया है. अब युद्ध को मंत्र विप्लव कहते हैं, हमारी परंपरा में इसे इसी नाम से जाना जाता है. उनको देश में भी अपने जैसे कई लोग मिल जाते हैं. उनकी आड़ में ये अपनी पद्धतियां चलाते हैं. ये कोई छिपी हुई बात नहीं है. इसे लेकर पाश्चात्य देशों से कई पुस्तकें निकल रही हैं, ये मैं अपने मन से नहीं कह रह हूं. भारत के सीमावर्ती देशों में इसके चलते क्या-क्या हो रहा है ये हम देख सकते हैं.

दुर्बल रहना अपराध है, हिंदू समाज को ये समझना चाहिए- मोहन भागवत

बांग्‍लादेश में हिंदुओं पर हुए अत्‍याचार को लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, 'दुर्बल रहना अपराध है, हिंदू समाज को ये समझना चाहिए. व्‍यवस्थित और संगठित होकर ही आप किसी चीज का मुकाबला कर सकते हैं. अगर आप संगठित नहीं रहते हैं, तो आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.'

राह में अडंगा लगाने वाले लोग भी बहुत सारे होते हैं- मोहन भागवत

देश के दुश्‍मनों की ओर इशारा करते हुए मोहन भागवत ने कहा, 'भारत लगातार आगे बढ़ रहा है, लेकिन जब कोई भी देश जो आगे बढ़ रहा है, उसकी राह में अडंगा लगाने वाले लोग भी बहुत सारे होते हैं. इसलिए दूसरे देशों की सरकारों को कमजोर करना दुनिया में चलते रहता है. अब हमारे पड़ोस में बांग्‍लादेश में क्या हुआ हमने देखा. उस उत्पात के कारण हिंदू समाज पर फिर से हमला हुआ. वहां कट्टरपन की मानसिकता जब तक है, तब तक वहां हिंदुओं ही नहीं बल्कि अन्य अल्पसंख्यकों पर हमले का खतरा बरकरार रहेगा.' 

जम्मू-कश्मीर के चुनाव भी शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गए- मोहन भागवत

जम्‍मू-कश्‍मीर में हुए चुनावों को लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर के चुनाव भी शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गए. इसका ही परिणाम हम देखते हैं कि सारी दुनिया में भारत की साख बढ़ी है. हमारा योग सारी दुनिया में एक फैशन बनता जा राह है. उसके शास्त्र और परिणाम को भी दुनिया स्वीकार कर रही है.'

देश आगे बढ़ रहा है, समाज की समझदारी भी बढ़ रही- मोहन भागवत

दुनिया में चल रहे संघर्ष को लेकर मोहन भागवत ने कहा, 'इजरायल के साथ हमास के साथ युद्ध में कौन-कौन झुलसेगा और इससे कौन से संकट पैदा होंगे, इसकी चिंता सबको है. अपना देश आगे बढ़ रहा है. हम तकनीक के क्षेत्र में, शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं. ऐसे सब क्षेत्रों में भारत आगे बढ़ रहा है. समाज की समझदारी भी बढ़ रही है. 

RSS प्रमुख ने कहा -परिस्थितियां हमें चुनौतियां देती हैं

मोहन भागवत ने कहा, 'परिस्थितियां हमें चुनौतियां देती हैं. फिर चाहे वो दुनिया की हों या देश की परिस्थिति हों. हमें भविष्य के लिए तैयार होना है. भविष्य इस तकनीक के कारण कई नई सुविधाएं लेकर आएगा. विज्ञान कई सुविधाएं लेकर भी आया है.  इस सुखी मानव समाज में अपने स्वार्थ और अहंकार के कारण कैसे-कैसे संघर्ष चलते हैं. यह हम देखते रहते हैं.' 

दयानन्द सरस्वती ने जनों की जागरूक करने का महाप्रयास किया - मोहन भागवत

मोहन भागवत ने दयानन्द सरस्वती को याद करते हुए कहा, 'लंबी गुलामी के बाद जो भारत का पुनरुत्थान शुरू हुआ, उसके पीछे दयनानंद सरस्वी थे. अपने मूल को समझकर काल सुसंद आचरण करें. उन्होंने जनों की जागरूक करने का महाप्रयास किया है. उनकी वहज से ही आगे चलकर कई तरह के आंदोलन भी हुए. आज उनको याद करने का भी समय है.'

अहिल्‍यबाई होल्‍कर ने अपने लिए कुछ नहीं किया- RSS प्रमुख मोहन भागवत

RSS चीफ मोहन भागवत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अहिल्‍यबाई होल्‍कर और दयानन्द सरस्वती के द्वारा देश सेवा के लिए किये गए कार्यों को याद करते हुए कहा, 'अहिल्‍यबाई होल्‍कर अत्यंत विपरित परिस्थिति में राज्य चलाती हैं. रणनीति के कौशल का परिचय देती है. अपने राज्यों को संभालती ही हैं, लेकिन सारे देश में धर्म-संस्कृति का उत्थान हो, इसके लिए जगह जगह मंदिर बनाती हैं. धर्मशाला बनवाती हैं. अपने लिए कुछ ना करते हुए एक आदर्श उपस्थित करती है. हम इस मौके पर उनका स्मर्ण करते हैं.' 

विजयदशमी के इस शुभ अवसर पर यहां आना सम्‍मान की बात- के. राधाकृष्णन

नागपुर के रेशिमबाग में आयोजित आरएसएस के ये कार्यक्रम में पद्म भूषण और इसरो के पूर्व प्रमुख के. राधाकृष्णन ने कहा, "डॉ. मोहन भागवत जी से गरिमापूर्ण निमंत्रण पाना मेरे लिए सम्मान की बात है. विजयदशमी के इस शुभ अवसर पर यहां आना. इस प्रशंसनीय दर्शकों को संबोधित करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है.'

Mohan Bhagwat Speech: थोड़ी देर में मोहन भागवत का संबोधन

नागपुर के रेशिमबाग में आरएसएस का ये कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. थोड़ी देर में सरसंघचालक मोहन भागवत सभी संघ सदस्‍यों को संबोधित करेंगे. इससे पहले आरएसएस के स्वयंसेवकों ने पथ संचालन किया. इस दौरान स्वयंसेवक पारंपरिक गणवेश में बैंड के साथ परेड निकालते दिखे.

Mohan Bhagwat Speech: क्‍या कोई संदेश देंगे मोहन भागवत

RSS प्रमुख मोहन भागवत क्‍या अपने भाषण में मोदी सरकार को कोई संदेश देंगे? दरअसल, पिछली बार मोहन भागवत ने कहा था कि संघ ये प्रयास करता है कि सभी को सुरक्षित रखा जाए और समरसतापूर्ण माहौल बनाया जाए.

RSS Shastra Puja: मोहन भागवत ने की शस्‍त्र पूजा

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने महाराष्ट्र के नागपुर में वार्षिक विजयादशमी उत्सव में 'शस्त्र पूजा' कर की. इसके बाद ध्‍वाजारोहण किया गया. कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्‍ट्र उपमुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद हैं.

पद्म भूषण डॉ. के. राधाकृष्णन मुख्‍य अतिथि

इस साल कार्यक्रम के मुख्‍य अतिथि पद्म भूषण डॉ. के. राधाकृष्णन, पूर्व अध्यक्ष, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन हैं. 

Shastra Puja: शस्त्र पूजा की परंपरा

दशहरा के मौके पर नौ दिनों की उपासना के बाद 10वें दिन विजय कामना के साथ शस्त्रों का पूजन किया जाता है. विजयादशमी पर शक्तिरूपा दुर्गा, काली की पूजा के साथ शस्त्र पूजा की परंपरा हिंदू धर्म में लंबे समय से रही है.

विजयादशमी के दिन हुई थी RSS की स्‍थापना

राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ की स्‍थापना 27 सितंबर, 1925 को डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा नागपुर में विजयादशमी के दिन की गई थी. संघ का उद्देश्‍य भारतीय संस्कृति और नागरिक समाज के मूल्यों को बनाए रखना, समाज सेवा और सुधार के कार्य करना, आरएसएस की सबसे छोटी इकाई शाखा होती है, जहां स्वयंसेवक प्रतिदिन एकत्रित होकर शारीरिक प्रशिक्षण और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं.

Track Latest News Live on NDTV.com and get news updates from India and around the world

फॉलो करे:
Previous Article
दशहरा के दिन साफ रहेगा दिल्ली का मौसम, जानें अन्य राज्यों का हाल
LIVE: बांग्लादेश, इजरायल-हमास, देश के छिपे दुश्मन... जानिए मोदी सरकार को भागवत का क्या संदेश
तमिलनाडु में बड़ा ट्रेन हादसा : क्रेन से हटाई जा रही हैं बोगियां, इस हादसे से जुड़े टॉप 10 अपडेट्स
Next Article
तमिलनाडु में बड़ा ट्रेन हादसा : क्रेन से हटाई जा रही हैं बोगियां, इस हादसे से जुड़े टॉप 10 अपडेट्स
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com