नई दिल्ली:
जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्विपक्षीय सहयोग को प्रमुख क्षेत्रों में विस्तारित करने के बारे में सोमवार को बातचीत की। इस वार्ता में वैश्विक मंदी की बढ़ती चिंताओं के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ाने के उपायों पर खास ध्यान दिया गया।
कैबिनेट मंत्रियों और उच्च अधिकारियों वाले बड़े प्रतिनिधिमंडल के साथ रविवार रात नई दिल्ली पहुंची मर्केल का सोमवार सुबह राष्ट्रपति भवन में परंपरागत तरीके से स्वागत किया गया।
मोदी और मर्केल के बीच शिखर स्तरीय अंतर-सरकारी विचार विमर्श (आईजीएस) में रक्षा, सुरक्षा, शिक्षा और अक्षय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों के साथ ही व्यापार और निवेश में द्विपक्षीय सहयोग को और गहरा बनाने पर चर्चा हुई।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट के जरिए कहा, 'कूटनीति का असली काम काज। प्रधानमंत्री और चांसलर की अगुवाई में तीसरा भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी विचार विमर्श शुरू हुआ।' भारत और जर्मनी 2001 से सामरिक साझेदार हैं।
मोदी की अप्रैल में जर्मनी यात्रा के छह महीने बाद जर्मन चासंलर दिल्ली आई हैं। यूरोपीय संघ में जर्मनी, भारत का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है और भारत में सातवां सबसे बड़ा निवेशक है।
दोनों देशों के बीच पिछले साल वस्तुओं और सेवाओं का 15.96 अरब यूरो का कारोबार हुआ। यह 2013 की बनिस्बत 1.14 अरब यूरो कम है। 2013 में दोनों देशों के बीच 16.10 अरब यूरो का कारोबार हुआ था।
साल 2014 में मामूली बढ़ोतरी के साथ जर्मनी को भारत का निर्यात 7.03 अरब का था, जबकि जर्मनी से आयात 9.19 से घट कर 8.92 अरब यूरो का हुआ।
वर्तमान में 1600 से अधिक भारत-जर्मन सहयोग और लगभग 600 भारत जर्मन संयुक्त उद्यम चल रहे हैं। मोदी से वार्ता से पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मर्केल से मुलाकात की।
कैबिनेट मंत्रियों और उच्च अधिकारियों वाले बड़े प्रतिनिधिमंडल के साथ रविवार रात नई दिल्ली पहुंची मर्केल का सोमवार सुबह राष्ट्रपति भवन में परंपरागत तरीके से स्वागत किया गया।
मोदी और मर्केल के बीच शिखर स्तरीय अंतर-सरकारी विचार विमर्श (आईजीएस) में रक्षा, सुरक्षा, शिक्षा और अक्षय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों के साथ ही व्यापार और निवेश में द्विपक्षीय सहयोग को और गहरा बनाने पर चर्चा हुई।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट के जरिए कहा, 'कूटनीति का असली काम काज। प्रधानमंत्री और चांसलर की अगुवाई में तीसरा भारत-जर्मनी अंतर-सरकारी विचार विमर्श शुरू हुआ।' भारत और जर्मनी 2001 से सामरिक साझेदार हैं।
मोदी की अप्रैल में जर्मनी यात्रा के छह महीने बाद जर्मन चासंलर दिल्ली आई हैं। यूरोपीय संघ में जर्मनी, भारत का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है और भारत में सातवां सबसे बड़ा निवेशक है।
दोनों देशों के बीच पिछले साल वस्तुओं और सेवाओं का 15.96 अरब यूरो का कारोबार हुआ। यह 2013 की बनिस्बत 1.14 अरब यूरो कम है। 2013 में दोनों देशों के बीच 16.10 अरब यूरो का कारोबार हुआ था।
साल 2014 में मामूली बढ़ोतरी के साथ जर्मनी को भारत का निर्यात 7.03 अरब का था, जबकि जर्मनी से आयात 9.19 से घट कर 8.92 अरब यूरो का हुआ।
वर्तमान में 1600 से अधिक भारत-जर्मन सहयोग और लगभग 600 भारत जर्मन संयुक्त उद्यम चल रहे हैं। मोदी से वार्ता से पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मर्केल से मुलाकात की।
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