"पहलवानों के धरने की केंद्र को कोई परवाह नहीं": अशोक गहलोत ने मोदी सरकार पर साधा निशाना

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot)ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पहलवानों के धरने की केंद्र सरकार (Central Government) को परवाह नहीं है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के निर्देश पर बृजभूषण सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया गया है.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. (फाइल फोटो)

पाली. (राजस्थान):

भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के प्रमुख बृजभूषण सिंह (Brij Bhushan Singh) को गिरफ्तार करने और बर्खास्त करने की मांग को लेकर चल रहे पहलवानों के विरोध को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने शनिवार को कहा कि उन्हें इसकी कोई परवाह नहीं है. शनिवार को राजस्थान के पाली में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बोलते हुए सीएम गहलोत ने कहा, ''पहलवान दिल्ली में विरोध कर रहे हैं लेकिन ऐसा लगता है कि सरकार को उनकी दुर्दशा की भी परवाह नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी.''गहलोत ने कहा कि राजस्थान में यौन उत्पीड़न (sexual Harassment) या दुर्व्यवहार के आरोप में हमने प्राथमिकी दर्ज करना अनिवार्य कर दिया है.

इससे पहले शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर डब्ल्यूएफआई प्रमुख को 9 जून तक गिरफ्तार नहीं किया गया तो वे देश भर में दंगाइयों के समर्थन में पंचायत करेंगे. प्रदर्शनकारी पहलवानों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए एक खाप पंचायत में शामिल हुए राकेश टिकैत ने कहा कि अगर निर्धारित समय के भीतर मांगें नहीं मानी गईं, तो वे इसके बजाय राष्ट्रीय राजधानी में जंतर मंत्र तक मार्च करेंगे.

"राकेश टिकैत ने कहा, "हमने एक प्रस्ताव अपनाया है कि केंद्र सरकार को पहलवानों की शिकायतों का समाधान करना चाहिए और उन्हें (बृजभूषण शरण सिंह) को गिरफ्तार किया जाना चाहिए. अन्यथा, हम 9 जून को पहलवानों के साथ जंतर मंतर, दिल्ली जाएंगे और देश भर में पंचायत करेंगे." 

खाप नेताओं ने कहा कि अगर उन्हें नौ जून को जंतर-मंतर पर नहीं बैठने दिया गया तो वे आंदोलन शुरू करेंगे. मंगलवार को ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया और एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगाट अपने पदकों को गंगा में विसर्जित करने के लिए अपने समर्थकों के साथ हरिद्वार के हर की पौड़ी गये थे. हालांकि, किसान नेता नरेश टिकैत ने उनसे कठोर कदम नहीं उठाने का आग्रह किया, जिसके बाद पहलवानों ने अपने पदक नदी में नहीं बहाने का फैसला किया.

किसान नेता से बातचीत के बाद पहलवानों ने सरकार को डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई के लिए 5 दिन का अल्टीमेटम दिया. दिल्ली पुलिस ने पहले बृजभूषण सिंह के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की थी. जहां पहली प्राथमिकी एक नाबालिग पहलवान द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज की गई थी, वहीं दूसरी शील भंग करने से संबंधित है.

वहीं बृजभूषण सिंह ने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों से इनकार किया है. सिंह ने कहा कि प्रदर्शनकारी पहलवान लगातार अपनी "मांग और भाषा" बदल रहे हैं. यह कहते हुए कि वह अभी भी अपने बयान पर कायम हैं कि अगर उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों में से एक भी साबित होता है तो वह खुद को फांसी लगा लेंगे.उन्होंने कहा, ''...पहले उन्होंने (प्रदर्शनकारी पहलवानों ने) कुछ और मांग की और बाद में इसे कुछ और कर दिया. वे अपनी मांगों और भाषा को लगातार बदल रहे हैं. मैंने कहा था कि अगर मेरे खिलाफ एक भी मामला साबित हुआ तो मैं फांसी लगा लूंगा.'' मैं अपने बयान पर कायम हूं," बृज भूषण ने गोंडा में मीडियाकर्मियों से यह बात कहा.

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