हरियाणा सरकार ने बुधवार को कहा कि सांप्रदायिक झड़पों के मद्देनजर शांति और सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी गड़बड़ी को रोकने के उद्देश्य से नूंह और राज्य के कुछ अन्य स्थानों पर मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं पांच अगस्त तक निलंबित रहेंगी. नूंह के अलावा, फरीदाबाद, पलवल और गुरुग्राम जिले के उप-मंडल सोहना, पटौदी और मानेसर क्षेत्रों में ये सेवाएं बंद रहेंगी.
सरकार ने सांप्रदायिक तनाव और सार्वजनिक शांति में गड़बड़ी के मद्देनजर नूंह जिले में सोमवार शाम चार बजे से मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं को निलंबित करने का आदेश दिया था और बाद में दो अगस्त तक कुछ अन्य हिस्सों में भी प्रतिबंध लगा दिया था. नूंह में सोमवार को एक धार्मिक यात्रा के दौरान पथराव और कारों में आग लगा दी गई थी जिसके बाद कई जगहों पर हिंसा भड़क गई.
मोबाइल इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं के निलंबन को पांच अगस्त तक बढ़ाने का आदेश अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) टी वी एस एन प्रसाद ने बुधवार शाम जारी किया. आदेश के अनुसार, ‘‘हरियाणा राज्य के नूंह, फरीदाबाद, पलवल जिलों के अधिकार क्षेत्र और जिला गुरुग्राम के उपमंडल सोहना, पटौदी और मानेसर क्षेत्रों में शांति और सार्वजनिक व्यवस्था संबंधी किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए इस आदेश की अवधि में विस्तार किया गया है और यह पांच अगस्त, 2023 (रात्रि 11 बजकर 59 मिनट) तक लागू रहेगा.''
आदेश में कहा गया है, ‘‘नूंह, फरीदाबाद, पलवल और गुरुग्राम के उपायुक्तों द्वारा मेरे संज्ञान में यह लाया गया है कि कानून और व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की गई है और सूचित किया गया है कि उनके संबंधित जिलों में स्थिति अब भी गंभीर और तनावपूर्ण है.'' इसमें कहा गया है, ‘‘इसलिए, मोबाइल फोन और एसएमएस पर व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर आदि जैसे विभिन्न सोशल मीडिया मंचों के माध्यम से गलत सूचना और अफवाहों के प्रसार, आंदोलनकारियों और प्रदर्शनकारियों की भीड़ को संगठित होने से रोकने के लिए मोबाइल इंटरनेट निलंबन की सीमा को बढ़ाया जा रहा है.''
आदेश में कहा गया है कि आगजनी या तोड़फोड़ और अन्य प्रकार की हिंसक गतिविधियों से जानमाल की गंभीर हानि और सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंच सकता है.
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा नूंह हिंसा मामला
नूंह में हुई हिंसा का असर आसपास के जिले और राज्यों में देखा जा सकता है. इस बीच नूंह हिंसा को लेकर दायर याचिकाओं की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बड़ा कदम उठाया. मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने नूंह हिंसा की सुनवाई के लिए जम्मू-कश्मीर से जुड़े आर्टिकल 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई कुछ देर के लिए रोक दी. सीजेआई ने नूंह में हुए दंगों पर दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई की व्यवस्था की.
सुप्रीम कोर्ट के टॉप सूत्रों ने बताया कि सीजेआई ने चेंबर में जाकर अर्जी से संबंधी कागजात देखे. इसके बाद उन्होंने तीसरे नंबर के सीनियर जज जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की स्पेशल बेंच बना दी. साथ ही रजिस्ट्री को दो बजे ही मामले की सुनवाई के लिए लिस्ट करने का आदेश दिया. जस्टिस खन्ना ने कहा कि वह और जस्टिस भट्टी भी याचिका को पढ़ नहीं पाए हैं. इसलिए सुनवाई शुक्रवार को की जाएगी. जज ने कहा कि फिलहाल यह निर्देश दिया जा रहा है कि हेट स्पीच से जुड़े पिछले आदेश का पालन इस मामले में भी सुनिश्चित किया जाए.
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