जमाअत इस्लामी हिन्द ने मॉब लिंचिंग पर जताई चिंता
नई दिल्ली:
देश के अलग-अलग हिस्सों में आए दिन हो रही मॉब लिंचिग की घटनाओं पर जमाअत इस्तामी ने चिंता जताई है. जमाअत के अमीर मौलाना सैयद जलालुद्दीन उमरी ने देश में बढ़ती हुई अराजकता और देश भर में मॉब लिंचिंग को दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि अलवर में रकबर खान और बीदर में भीड़ हिंसा में हैदराबाद के इंजीनियर की हत्या एक बड़ी चिंता की तरह है. अन्य घृणा-अपराध भी देशभर में बढ़ते ही जा रहे हैं. इसी तरह की हालिया रिपोर्ट गुरुग्राम की है जहां बदमाशों ने जानबूझकर एक मुस्लिम नौजवान की दाढ़ी काट ली और उसके साथ मारपीट भी की. जमाअत इस्लामी हिन्द के महासचिव इंजीनियर मोहम्मद सलीम ने एक सवाल के जवाब में कहा कि जमाअत इस्लामी हिन्द अन्य संगठनों के साथ मिलकर घृणा अपराध के सिलसिले में राष्ट्रपति से शीघ्र ही मुलाक़ात की योजना बना रही है.
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इस मौक़े पर संयुक्त मेमोरेंडम भी राष्ट्रपति को पेश किया जाएगा. महासचिव ने बताया कि जमाअत महसूस करती है कि पिछले चार सालों में मुसलमानों, दलितों और अन्य वर्गों के ख़िलाफ़ भीड़ हिंसा और घृणा अपराध में लगातार वृद्धि देखने को मिली है. असामाजिक तत्वों के ख़िलाफ़ गंभीर कार्रवाई न होने के कारण उनके हौसले बुलंद हुए हैं और देश के आम नागरिक भयभित हैं. जमाअत केंद्र और राज्य सरकारों से मांग करती है कि वह देश में फैली अराजकता का अंत करे ओर क़ानून का शासन के लिए गंभीर प्रयास करे.
VIDEO: मॉब लिंचिंग पर बोले सीएम योगी
देश में सांप्रदायिक सौहार्द्र स्थापित करना सरकार की बुनियादी ज़िम्मेदारियों में से है. वहीं जमाअत इस्लामी हिन्द के उपाध्यक्ष नुसरत अली ने एनआरसी के एक सवाल के जवाब में कहा कि यह सरकार की ज़िम्मेदारी है कि वह एनआरसी सूची के सामने आने के बाद प्रभावित लागों को उपयुक्त समय और उचित अवसर दे ताकि वह आवश्यक प्रक्रिया अपना सकें. सरकार को यह भी चाहिए कि वह एनआरसी सूची में जो अंतर पाये जाते हैं उनको दूर करें.
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इस मौक़े पर संयुक्त मेमोरेंडम भी राष्ट्रपति को पेश किया जाएगा. महासचिव ने बताया कि जमाअत महसूस करती है कि पिछले चार सालों में मुसलमानों, दलितों और अन्य वर्गों के ख़िलाफ़ भीड़ हिंसा और घृणा अपराध में लगातार वृद्धि देखने को मिली है. असामाजिक तत्वों के ख़िलाफ़ गंभीर कार्रवाई न होने के कारण उनके हौसले बुलंद हुए हैं और देश के आम नागरिक भयभित हैं. जमाअत केंद्र और राज्य सरकारों से मांग करती है कि वह देश में फैली अराजकता का अंत करे ओर क़ानून का शासन के लिए गंभीर प्रयास करे.
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देश में सांप्रदायिक सौहार्द्र स्थापित करना सरकार की बुनियादी ज़िम्मेदारियों में से है. वहीं जमाअत इस्लामी हिन्द के उपाध्यक्ष नुसरत अली ने एनआरसी के एक सवाल के जवाब में कहा कि यह सरकार की ज़िम्मेदारी है कि वह एनआरसी सूची के सामने आने के बाद प्रभावित लागों को उपयुक्त समय और उचित अवसर दे ताकि वह आवश्यक प्रक्रिया अपना सकें. सरकार को यह भी चाहिए कि वह एनआरसी सूची में जो अंतर पाये जाते हैं उनको दूर करें.
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