 
                                            - पहली बार अपराध पर 10 लाख रुपये का जुर्माना
- दूसरी बार अपराध करने पर 50 लाख रुपये तक का जुर्मना
- भ्रामक विज्ञापनों से निपटने के लिए सरकार ला रही है कड़े प्रावधान
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                                                                                नई दिल्ली: 
                                        भ्रामक विज्ञापन करने वाली हस्तियों यानी सेलिब्रिटी पर जवाबदेही तय करने संबंधी एक नये मसौदा विधेयक पर आज यानी मंगलवार को विचार किया जाएगा. इस मसौदे के तहत भ्रामक विज्ञापन करने वाली हस्ती पर 50 लाख रुपये जुर्माने व पांच साल की जेल की सजा रखी जा सकती है.
सूत्रों ने बताया कि वित्तमंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाले मंत्री समूह की बैठक में मसौदा विधेयक को मंजूरी के लिए कैबिनेट के समक्ष पेश करने से पहले उपभोक्ता मंत्रालय विभाग द्वारा सुझाए गए प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा. इस अनौपचारिक मंत्री समूह में जेटली के अलावा उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, बिजली मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण भी हैं.
सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय ने भ्रामक विज्ञापनों से निपटने के लिए कड़े प्रावधानों तथा ऐसे विज्ञापन करने वाली हस्तियों की जवाबदेही तय करने का प्रस्ताव किया है. सूत्रों ने कहा, 'पहली बार अपराध पर 10 लाख रुपये का जुर्माना व दो साल की सजा का प्रस्ताव है. वहीं अगर कोई सेलिब्रिटी या एंबैस्डर दूसरी बार या आगे और गलती करता है तो 50 लाख रुपये तक का जुर्माना या पांच साल की सजा हो सकती है.'
                                                                                 
                                                                                
                                                                                                                        
                                                                                                                    
                                                                        
                                    
                                सूत्रों ने बताया कि वित्तमंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाले मंत्री समूह की बैठक में मसौदा विधेयक को मंजूरी के लिए कैबिनेट के समक्ष पेश करने से पहले उपभोक्ता मंत्रालय विभाग द्वारा सुझाए गए प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा. इस अनौपचारिक मंत्री समूह में जेटली के अलावा उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, बिजली मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण भी हैं.
सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय ने भ्रामक विज्ञापनों से निपटने के लिए कड़े प्रावधानों तथा ऐसे विज्ञापन करने वाली हस्तियों की जवाबदेही तय करने का प्रस्ताव किया है. सूत्रों ने कहा, 'पहली बार अपराध पर 10 लाख रुपये का जुर्माना व दो साल की सजा का प्रस्ताव है. वहीं अगर कोई सेलिब्रिटी या एंबैस्डर दूसरी बार या आगे और गलती करता है तो 50 लाख रुपये तक का जुर्माना या पांच साल की सजा हो सकती है.'
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