लड़की ने सुसराल वालों के खिलाफ जाकर अपनी शादी को रद्द करने की अर्जी दाखिल की है (प्रतीकात्मक चित्र)
जोधपुर:
राजस्थान में अपने सास-ससुर की धमकियों की परवाह न करते हुए 17 साल की एक किशोरी ने अपने बाल विवाह को निरस्त करने के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. जोधपुर जिले के बालेसर प्रखंड की निवासी किशोरी ने गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) सारथी ट्रस्ट की मदद से यहां एक पारिवारिक अदालत में अपने विवाह को निरस्त करने के लिए एक याचिका दाखिल की है.
सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी तथा रिहेबिलिटेशन साइकोलॉजिस्ट कृति भारती ने बताया कि लड़की ने उनसे संपर्क किया और अन्याय के खिलाफ लड़ाई तथा अपनी शादी को निरस्त करने के लिए एक पारिवारिक अदालत में याचिका दाखिल करने को लेकर मदद मांगी.
लड़की की शादी उसकी इच्छा के विरुद्ध 15 साल की उम्र में नवंबर 2015 में बालेसर प्रखंड के दुदुबेरा गांव के जसाराम के साथ कर दी गई थी. जब उसकी दादी की मौत हुई थी. लड़की का पिता ट्रक चलाता है और अगोलई गांव का निवासी है.
बता दें कि राजस्थान के कुछ गांवों में प्रथा है कि घर में जब किसी की मौत के बाद लड़के या लड़की की शादी कर दी जाती है.
दो साल बाद जब उसने वापस ससुराल जाने से इनकार कर दिया और शादी को खत्म करने का फैसला किया, तो उसके सास-ससुर ने उसे रोकने के लिए पंजायत से मदद मांगी, लेकिन जब यह काम नहीं आया, तो उन्होंने उसे धमकी दी की अगर वह अदालत गई, तो वे उसे अगवा कर लेंगे.
समाज के लोगों से मिलने वाली दुत्कार से डरकर लड़की के पिता ने उसे धमकी दी कि अगर वह अदालत गई तो वह फांसी लगाकर अपनी जान दे देगा. इन सबके बावजूद, कृति भारती की मदद से लड़की ने अपनी शादी को खत्म करने के लिए पारिवारिक अदालत में याचिका दाखिल की.
किशोरी ने कहा, "मैं पढ़ना और अपने पैरों पर खड़ी होना चाहती थी, ताकि दूसरों पर निर्भर न रहूं. मैं बाल विवाह के पक्ष में नहीं हूं. अब मैंने कृति दीदी की मदद से बाल विवाह को खत्म करने के लिए याचिका दाखिल की है. मुझे उम्मीद है कि जल्द ही न्याय मिलेगा."
(इनपुट आईएएनएस से)
सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी तथा रिहेबिलिटेशन साइकोलॉजिस्ट कृति भारती ने बताया कि लड़की ने उनसे संपर्क किया और अन्याय के खिलाफ लड़ाई तथा अपनी शादी को निरस्त करने के लिए एक पारिवारिक अदालत में याचिका दाखिल करने को लेकर मदद मांगी.
लड़की की शादी उसकी इच्छा के विरुद्ध 15 साल की उम्र में नवंबर 2015 में बालेसर प्रखंड के दुदुबेरा गांव के जसाराम के साथ कर दी गई थी. जब उसकी दादी की मौत हुई थी. लड़की का पिता ट्रक चलाता है और अगोलई गांव का निवासी है.
बता दें कि राजस्थान के कुछ गांवों में प्रथा है कि घर में जब किसी की मौत के बाद लड़के या लड़की की शादी कर दी जाती है.
दो साल बाद जब उसने वापस ससुराल जाने से इनकार कर दिया और शादी को खत्म करने का फैसला किया, तो उसके सास-ससुर ने उसे रोकने के लिए पंजायत से मदद मांगी, लेकिन जब यह काम नहीं आया, तो उन्होंने उसे धमकी दी की अगर वह अदालत गई, तो वे उसे अगवा कर लेंगे.
समाज के लोगों से मिलने वाली दुत्कार से डरकर लड़की के पिता ने उसे धमकी दी कि अगर वह अदालत गई तो वह फांसी लगाकर अपनी जान दे देगा. इन सबके बावजूद, कृति भारती की मदद से लड़की ने अपनी शादी को खत्म करने के लिए पारिवारिक अदालत में याचिका दाखिल की.
किशोरी ने कहा, "मैं पढ़ना और अपने पैरों पर खड़ी होना चाहती थी, ताकि दूसरों पर निर्भर न रहूं. मैं बाल विवाह के पक्ष में नहीं हूं. अब मैंने कृति दीदी की मदद से बाल विवाह को खत्म करने के लिए याचिका दाखिल की है. मुझे उम्मीद है कि जल्द ही न्याय मिलेगा."
(इनपुट आईएएनएस से)
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