सरकारी नियंत्रण वाली गैस आपूर्तिकर्ता महानगर गैस लिमिटेड (एमजीएल) ने शुक्रवार को एक बार फिर सीएनजी पाइप के जरिए आपूर्ति वाली रसोई गैस (पीएनजी) की कीमतों में वृद्धि कर दी. अक्टूबर से एमजीएल का कीमतें बढ़ाने का यह दूसरा मौका है. केंद्र ने अक्टूबर की शुरुआत में घरेलू स्तर पर उत्पादित गैस की कीमत वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के लिए 40 प्रतिशत तक बढ़ा दी थी. इसके पहले अप्रैल में भी पहली छमाही के लिए गैस के दाम 110 प्रतिशत बढ़ाए गए थे.
एक अप्रैल को वाहनों में ईंधन के तौर पर इस्तेमाल होने वाली सीएनजी के दाम 60 रुपये प्रति किलो था जबकि घरेलू रसोई गैस पीएनजी 36 रुपये प्रति घन मीटर के भाव पर थी.
गैस की कीमतों में आई तेजी के बीच डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत गिरने के असर को कम करने के लिए एमजीएल ने सीएनजी और पीएनजी के दाम बढ़ा दिए हैं. अब सीएनजी 3.50 रुपये प्रति किलो महंगी होकर 89.50 रुपये प्रति किलो हो गई है. वहीं घरेलू पीएनजी 1.50 रुपये महंगी होकर 54 रुपये प्रति घन मीटर हो गई है. नई दरें आधी रात से प्रभावी हो जाएंगी.
नियंत्रित कीमत वाली गैस की कम आपूर्ति को देखते हुए एमजीएल ने कहा कि आपूर्ति 10 प्रतिशत तक घट गई है जिससे उसे मांग बनी रहने से अपेक्षाकृत ऊंची कीमतों पर गैस खरीदनी पड़ रही है. एमजीएल ने दावा किया कीमत बढ़ने के बावजूद महानगरों में सीएनजी अब भी पेट्रोल से करीब 42 प्रतिशत सस्ती है जबकि पीएनजी के दाम एलपीजी से करीब आठ प्रतिशत कम हैं.
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