नई दिल्ली:
मुजफ्फरनगर जिले में दो समुदायों के बीच भड़की हिंसा के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सोमवार को मांग की है।
मायावती ने "हिंसा पर नियंत्रण करने में असफलता और कानून-व्यवस्था में विफलता के लिए" सपा सरकार की आलोचना की।
मुजफ्फरनगर में संघर्ष में दो दिनों में कम से कम 31 लोगों की मौत हुई है।
मायावती ने नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, मौजूदा राज्य सरकार ने बहुत देर कर दी। तनाव पिछले 10 दिनों से भड़क रहा था और मैं कह सकती हूं कि वे राज्य को जंगलराज की ओर ले जा रहे हैं।
मायावती ने सपा के इस आरोप को खारिज कर दिया कि दंगों के पीछे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का हाथ है। उन्होंने कहा कि वह इस बात को स्वीकार नहीं करती कि मामला 27 अगस्त की एक मामूली घटना के बाद बढ़ा। उन्होंने कहा, राज्य सरकार झूठ के पीछे छुपने की कोशिश कर रही है और अपनी अक्षमता को ढंकने की कोशिश कर रही है।
मायावती ने "हिंसा पर नियंत्रण करने में असफलता और कानून-व्यवस्था में विफलता के लिए" सपा सरकार की आलोचना की।
मुजफ्फरनगर में संघर्ष में दो दिनों में कम से कम 31 लोगों की मौत हुई है।
मायावती ने नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, मौजूदा राज्य सरकार ने बहुत देर कर दी। तनाव पिछले 10 दिनों से भड़क रहा था और मैं कह सकती हूं कि वे राज्य को जंगलराज की ओर ले जा रहे हैं।
मायावती ने सपा के इस आरोप को खारिज कर दिया कि दंगों के पीछे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का हाथ है। उन्होंने कहा कि वह इस बात को स्वीकार नहीं करती कि मामला 27 अगस्त की एक मामूली घटना के बाद बढ़ा। उन्होंने कहा, राज्य सरकार झूठ के पीछे छुपने की कोशिश कर रही है और अपनी अक्षमता को ढंकने की कोशिश कर रही है।
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