राबर्ट वाड्रा की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
एक ओर जहां टैक्स अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या लंदन में रॉबर्ट वाड्रा के लिए बेनामी घर खरीदा गया, वहीं उनका दावा है कि उन्होंने पैसों के ऐसे लेन-देन का पता लगाया है, जो कि हथियारों के विवादित व्यापारी संजय भंडारी की या उनसे जुड़ी कंपनियों ने दिल्ली, लंदन, मध्य पूर्व और टैक्स हेवन के तौर पर प्रसिद्ध ब्रिटिश वर्जिन आईलैंड के जरिये किया।
एनडीटीवी को मिले दस्तावेजों से पता चलता है कि संयुक्त अरब अमीरात स्थित मेयफेयर नामक कंपनी ने जून 2010 में लंदन स्थित यह घर 19 लाख पाउंड (करीब 19 करोड़ रुपये) में खरीदा था। टैक्स, अधिकारियों ने शारजाह के अधिकारियों से मेयफेयर कंपनी के मालिकों की जानकारी मांगी है। इस कंपनी का बताया गया पता- पोस्ट बॉक्स 49304, हमरियाह फ्री जोन- शारजाह, संयुक्त अरब अमीरात है।
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता और समर्थक एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए इस मामले से वाड्रा के किसी भी तरह के जुड़ाव को खारिज कर रहे हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रिटेन के भूमि रिकार्ड में इस घर के मालिक के तौर पर ना तो वाड्रा, भंडारी या उनसे जुड़ी किसी भी कंपनी का नाम है। हालांकि इस रिपोर्ट में वित्त मंत्रालय को सौंपी गई जांच रिपोर्ट में बताए गए पते- 12, एलर्टन हाउस, ब्रायंसटन स्क्वैयर- का जिक्र नहीं है, और इसलिए मालिकाना रिकॉर्ड सरकारी जांच से मेल नहीं खाते।
एलर्टन हाउस लंदन में मार्बल आर्क के करीब बना एक कॉमप्लेक्स (10-12 ब्रायंस्टन स्क्वैयर) है। इसके टाइटल डीड में मेयफेयर को फ्लैट नंबर 12 का मालिक बताया गया है। इस फ्लैट के मालिकाना रिकार्ड में भी इसे मेयफेयर की संपत्ति बताया गया है।
वहीं जांचकर्ताओं का कहना है कि इस घर को लेकर रॉबर्ट वाड्रा की भूमिका पर संदेह प्रॉपर्टी रिकॉर्ड पर नहीं- क्योंकि ये सारे लेन-देन कथित रूप से बेनामी हैं - बल्कि भंडारी के घरों और दफ्तरों पर छापे में मिले ईमेल, इस हथियार सौदागर के बयान और इस सौदे में कथित रूप से शामिल बार्कलेय बैंक से मिले विस्तृत नोट पर आधारित है।
इन ई-मेल्स में वाड्रा और उनके सहायक मनोज अरोड़ा कथित रूप से ब्रायंस्टन स्क्वैयर स्थित घर के लिए हजारों पाउंड की अदायगी का इंतजाम का जिक्र कर रहे हैं। लंदन में रह रहे भंडारी के एक रिश्तेदार सुमित चड्ढा को 4 अप्रैल 2010 को भेजे गए एक ई-मेल में वाड्रा ने लिखा है कि वह खर्चों की प्रतिपूर्ति के मामले को देखेंगे, इसके साथ ही उन्होंने लिखा है कि उनके सेक्रेटरी मनोज उनसे इस बाबत संपर्क करेंगे।
वाड्रा के वकीलों का कहना है कि लंदन स्थित घर से उनके मुवक्किल का कोई संबंध नहीं है। एनडीटीवी जांचकर्ताओं द्वारा उनकी रिपोर्ट में उल्लेखित ईमेल्स की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। हालांकि सोमवार को एनडीटीवी ने जब वाड्रा के वकील को लिखे मेल में इस मामले की चांज के बाबत पूछा कि क्या वह इस बात से इनकार करते हैं कि ऐसा कोई सौदा हुआ है, तो उनकी ओर से अब तक इस पर कोई जवाब नहीं मिला है।
जांचकर्ताओं का कहना है कि लंदन का घर खरीदने वाली मेयफेयर के मालिकों की पड़ताल के अलावा वे इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि क्या कभी ये घर पहले किसी ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड से जुड़ी कम्पनी ने खरीदा था।
एनडीटीवी को मिले दस्तावेजों से पता चलता है कि संयुक्त अरब अमीरात स्थित मेयफेयर नामक कंपनी ने जून 2010 में लंदन स्थित यह घर 19 लाख पाउंड (करीब 19 करोड़ रुपये) में खरीदा था। टैक्स, अधिकारियों ने शारजाह के अधिकारियों से मेयफेयर कंपनी के मालिकों की जानकारी मांगी है। इस कंपनी का बताया गया पता- पोस्ट बॉक्स 49304, हमरियाह फ्री जोन- शारजाह, संयुक्त अरब अमीरात है।
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता और समर्थक एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए इस मामले से वाड्रा के किसी भी तरह के जुड़ाव को खारिज कर रहे हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रिटेन के भूमि रिकार्ड में इस घर के मालिक के तौर पर ना तो वाड्रा, भंडारी या उनसे जुड़ी किसी भी कंपनी का नाम है। हालांकि इस रिपोर्ट में वित्त मंत्रालय को सौंपी गई जांच रिपोर्ट में बताए गए पते- 12, एलर्टन हाउस, ब्रायंसटन स्क्वैयर- का जिक्र नहीं है, और इसलिए मालिकाना रिकॉर्ड सरकारी जांच से मेल नहीं खाते।
एलर्टन हाउस लंदन में मार्बल आर्क के करीब बना एक कॉमप्लेक्स (10-12 ब्रायंस्टन स्क्वैयर) है। इसके टाइटल डीड में मेयफेयर को फ्लैट नंबर 12 का मालिक बताया गया है। इस फ्लैट के मालिकाना रिकार्ड में भी इसे मेयफेयर की संपत्ति बताया गया है।
वहीं जांचकर्ताओं का कहना है कि इस घर को लेकर रॉबर्ट वाड्रा की भूमिका पर संदेह प्रॉपर्टी रिकॉर्ड पर नहीं- क्योंकि ये सारे लेन-देन कथित रूप से बेनामी हैं - बल्कि भंडारी के घरों और दफ्तरों पर छापे में मिले ईमेल, इस हथियार सौदागर के बयान और इस सौदे में कथित रूप से शामिल बार्कलेय बैंक से मिले विस्तृत नोट पर आधारित है।
इन ई-मेल्स में वाड्रा और उनके सहायक मनोज अरोड़ा कथित रूप से ब्रायंस्टन स्क्वैयर स्थित घर के लिए हजारों पाउंड की अदायगी का इंतजाम का जिक्र कर रहे हैं। लंदन में रह रहे भंडारी के एक रिश्तेदार सुमित चड्ढा को 4 अप्रैल 2010 को भेजे गए एक ई-मेल में वाड्रा ने लिखा है कि वह खर्चों की प्रतिपूर्ति के मामले को देखेंगे, इसके साथ ही उन्होंने लिखा है कि उनके सेक्रेटरी मनोज उनसे इस बाबत संपर्क करेंगे।
वाड्रा के वकीलों का कहना है कि लंदन स्थित घर से उनके मुवक्किल का कोई संबंध नहीं है। एनडीटीवी जांचकर्ताओं द्वारा उनकी रिपोर्ट में उल्लेखित ईमेल्स की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। हालांकि सोमवार को एनडीटीवी ने जब वाड्रा के वकील को लिखे मेल में इस मामले की चांज के बाबत पूछा कि क्या वह इस बात से इनकार करते हैं कि ऐसा कोई सौदा हुआ है, तो उनकी ओर से अब तक इस पर कोई जवाब नहीं मिला है।
जांचकर्ताओं का कहना है कि लंदन का घर खरीदने वाली मेयफेयर के मालिकों की पड़ताल के अलावा वे इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि क्या कभी ये घर पहले किसी ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड से जुड़ी कम्पनी ने खरीदा था।
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