
मंदिर की फाइल फोटो
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पत्नी चाहती थी गांव में बने बड़ा मंदिर
एक दशक में तैयार किया था मंदिर
दूर-दराज से लोग आते हैं इस मंदिर को देखने
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मंदिर को बनाने का काम पति पत्नी ने एक साथ शुरू किया था. लेकिन मंदिर के उद्घाटन से ठीक पहले राजम्मा की मौत हो गई. इस मंदिर को तैयार करने में दोनों पति-पत्नी को करीब एक दशक का समय लगा था. मंदिर के तैयार होने के बाद इसके उद्घाटन का मुहूर्त निकाला गया था. राजुस्वामी के मुताबिक "उद्घाटन से ठीक पहले उसकी पत्नी की मौत हो गई. इस वजह से मन्दिर अधूरा रह गया था.
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राजस्वामी के अनुसार उन्हें हर रोज रात में सोने पर ऐसा लगता था कि राजम्मा उनसे मन्दिर का अधूरा काम पूरा करने के लिए कर रही हैं. इसके बाद ही उन्होंने उद्घाटन की तैयारी की. और गांव वालों के कहने पर इस मंदिर में राजम्मा की मूर्ति भी लगा दी. हालांकि इस मंदिर में राजम्मा के अलावा अन्य देवी-देवताओं की भी मूर्ति लगाई गई है. इस मंदिर को 2006 से खोला गया है.
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आज इस मंदिर को देखने के लिए दूर-दराज से लोग आते हैं. इसी गाँव मे रहने वाले मंजुनाथ ने कहा कि "राजुस्वामी हम सभी के लिए एक आदर्श है, जो हमें महिलाओं का आदर करना सिखाता है. गौरतलब है कि राजम्मा की याद में इस मंदिर में विशेष भोज का आयोजन भी किया जाता है.
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