कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने पार्टी में आंतरिक बहस के बीच बृहस्पतिवार को वरिष्ठ सदस्यों के प्रति उचित सम्मान के महत्व को दोहराया और युवा पीढ़ी को उनके अनुभव से सीखने का आग्रह किया. पार्टी में वरिष्ठ नेताओं और नयी पीढ़ी के बीच कथित सत्ता संघर्ष को लेकर विवाद पिछले महीने उस समय सामने आया जब ममता बनर्जी ने वरिष्ठ सदस्यों की स्वीकार्यता पर बल दिया और इस बात को खारिज कर दिया कि बुजुर्ग नेताओं को सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए.
उसके बाद, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने तृणमूल में युवा पीढ़ी को लेकर समर्थन जताया. इसके साथ ही उन्होंने बढ़ती उम्र के साथ कार्य कुशलता में कमी आने का हवाला देते हुए राजनीति में अधिकतम आयु सीमा लागू करने की आवश्यकता जतायी.
ममता ने कहा, 'हमें पार्टी में वरिष्ठ नेताओं का सम्मान करना चाहिए. हमें उनके अनुभव से सीखने की जरूरत है. पार्टी के लिए पुराने और नए दोनों नेता जरूरी हैं. उन्होंने गुटबाजी से प्रभावित उत्तर 24 परगना जिले में संगठनात्मक मामलों पर गौर करने के लिए 20 सदस्यीय कोर समिति का भी गठन किया.
ममता ने कहा, 'कुछ नेता समझते हैं कि वे पार्टी से बड़े हैं. वे अपने निजी हितों के लिए पार्टी के हितों के साथ समझौता कर रहे हैं. इस पर रोक लगनी चाहिए, हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे.'
पुराने और नए नेताओं के बीच सत्ता संघर्ष की खबरों पर पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने पिछले महीने कहा था कि ऐसा कोई संघर्ष नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने पार्टी के लिए ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी दोनों के महत्व पर जोर दिया.
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