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This Article is From Jun 26, 2015

मालेगांव ब्लास्ट केस : सरकारी वकील के आरोपों को NIA ने किया ख़ारिज

मालेगांव ब्लास्ट केस : सरकारी वकील के आरोपों को NIA ने किया ख़ारिज
रोहिणी सालियान की फाइल तस्वीर
नई दिल्ली: मालेगांव बम विस्फोट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानि (एनआईए) ने मामले की पैरवी कर रही सरकारी वकील रोहिणी सालियान के उस आरोप को गलत बताया, जिसमें रोहिणी ने आरोप लगाया था कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद एजेंसी ने उनसे इस मामले में नरम रुख़ अपनाने को कहा था।

सालियान ने आरोप लगाया था कि एनआईए के एक बड़े अधिकारी ने खुद उनसे मुलाक़ात कर इस केस के आरोपियों के प्रति नरमी बरतने को कहा था। हालांकि सालियान ने उनसे मिलने वाले अधिकारी का नाम बताने से इनकार कर दिया।

एनआईए का इनकार
एनआईए के महानिदेशक शरद कुमार ने सालियान के आरोपों पर सफाई देते हुए कहा कि आरोपियों को लेकर किसी भी तरह की नरमी बरतने का कोई सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने ये भी कहा कि फिलहाल इस मामले की सुनवाई भी शुरू नहीं हुई है। ऐसे में आरोपियों के प्रति नरम या सख्त़ रुख़ अपनाने का कोई सवाल ही नहीं उठता है।

शरद कुमार ने कहा, 'हमने तीन आरोपियों की हिरासत में पूछताछ के लिए अर्जी लगाई थी, जो अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, इस बीच हमारी जांच का काम भी चल रहा है। हमारा कोई आदमी सालियान से नहीं मिला है।'

सालियान के आरोपों से इनकार करते हुए एनआइए ने दो पेज का एक स्पष्टीकरण भी जारी किया है। इसमें इस बात से इनकार किया गया कि एजेंसी के किसी अधिकारी ने सालियान पर दबाव बनाने की कोशिश है।

एनआइए के अनुसार -'एनआइए पब्लिक प्रोसिक्युटर को, एजेंसी के किसी अफसर द्वारा अनुचित ब्रीफिंग जारी करने या जिन एनआइए केस को वह देख रहीं हैं उसके अभियोजन में अड़चन पैदा किए जाने से पूरी तरह से इनकार करती है।'

इस कार्य से उन्हें मुक्त नहीं किए जाने के दावे के बारे में एनआईए ने कहा कि उन्हें इस केस से गैर-अधिसूचित किए जाने का काम शुरू हो चुका है।

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