बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने गुरुवार को केंद्र से वित्तीय साक्षरता को स्कूल और कॉलेज शिक्षा प्रणाली का हिस्सा बनाने पर विचार करने का आग्रह करते हुए कहा कि बड़ी संख्या में युवा भारतीय "मनी मैनेजमेंट स्किल्स" से लैस नहीं हैं. लोकसभा में शून्य काल के दौरान उन्होंने यह मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि बुनियादी अवधारणाओं और धन प्रबंधन कौशल जैसे निवेश, बचत, सेवानिवृत्ति योजना, म्यूचुअल फंड, कॉस्ट ऑफ मनी और रेट ऑफ रिटर्न को स्कूल या कॉलेज स्तर पर छात्रों को सिखाया जाना चाहिए.
तेजस्वी सूर्या ने कहा, जब वे (छात्र) जॉब मार्केट में पहुंचते हैं तो धन प्रबंधन कौशल उन्हें अपने "वित्तीय जीवन" की उचित योजना बनाने में मदद करेगा. उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह बहुत से लोगों को जल्द ही धनवान बनने की फर्जी योजनाओं, संदिग्ध सहकारी बैंकों और इस तरह के कर्ज के जाल में फंसने से रोकेगा. सूर्या ने कहा, "बड़ी संख्या में युवा भारतीय पहली बार जॉब मार्केट में पहुंच रहे हैं. वे पहली बार मध्यम वर्ग में भी प्रवेश कर रहे हैं."
बीजेपी सांसद ने कहा कि, हालांकि बड़ी संख्या में युवा भारतीय महत्वपूर्ण मनी मैनेजमेंट स्किल्स से लैस नहीं हैं क्योंकि वित्तीय साक्षरता देश की औपचारिक स्कूली शिक्षा प्रणाली का हिस्सा नहीं है. उन्होंने कहा, "शिक्षा मंत्रालय को औपचारिक स्कूल और कॉलेज शिक्षा प्रणाली के एक हिस्से के रूप में वित्तीय साक्षरता शुरू करने पर विचार करना चाहिए ताकि पहली बार जॉब मार्केट में आने वाले युवा भारतीय बहुत महत्वपूर्ण जीवन कौशल से लैस हों और वे अपने वित्तीय जीवन को अधिक प्रभावी तरीके से नेविगेट कर सकें."
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