मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस (फाइल फोटो)
मुंबई:
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री राहत कोष से दी गई रकम सरकारी कर्मचारियों को वापस करनी पड़ी है। बैंकॉक में डांस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए यह रकम दी गई थी जिससे राज्य सरकार की खूब किरकिरी हुई। महाराष्ट्र सरकार के मुख्यालय, मंत्रालय में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए बने सचिवालय जिमखाना क्लब के 15 कर्मचारियों को 8 लाख रुपए की राशि दी गई थी।
सूखे के हालात में डांस के लिए रकम देने से हुआ बवाल
मुख्यमंत्री के आदेश पर डांस कम्पिटीशन में हिस्सा लेने के लिए इस तरह रकम देने पर बवाल पैदा हो गया। विपक्ष ने सवाल उठाया था कि राज्य में सूखा होने पर ऐसा खर्च कितना जायज है? सरकार ने अपने बचाव में तब कहा था कि, मुख्यमंत्री राहत कोष ऐसे कामों के लिए पैसे दे सकता है। इस बवाल के बाद पैसे लेने वाले सरकारी कर्मचारियों ने ली हुई रकम चेक से लौट दी।
राशि लौटाने के लिए कर्ज लिया
बैंकाक में डांस कम्पिटीशन में हिस्सा लेने वाले प्रतियोगी अर्जुन राणे ने NDTV इंडिया को बताया कि, मुख्यमंत्री राहत कोष के नाम पर चेक जारी कर जो रकम वह लौटा रहे हैं उसे जमा करने के लिए कइयों को कर्ज उठाना पड़ा है। क्योंकि मदद की राशि से टूर का खर्च भरा जा चुका है, और वह लौटाया नहीं जाने वाला। कर्मचारी अपनी यात्रा का आधा खर्च खुद करने वाले थे। बैंकाक में असमी नृत्य पेश कर भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले थे। अब उन्हें पूरा खर्च खुद उठाना होगा।
चेक जमा क्यों नहीं किया गया?
मुख्यमंत्री राहत कोष से बंटी इस रकम का खुलासा आरटीआई से हुआ। इसके बाद अब आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली का कहना है कि, मुख्यमंत्री को गुमराह करने वाले अधिकारियों की इस मामले में जांच होनी चाहिए। आखिर रकम लौटाए जाने के 24 घंटे बाद भी उसे सम्बंधित एकाउंट में जमा क्यों नहीं किया गया?
मुख्यमंत्री राहत कोष एक ऐसी व्यवस्था है जिससे राज्य के मुख्यमंत्री के आदेश पर जरूरतमंद लोगों को आर्थिक मदद की जाती है। इस कोष में सामान्य लोगों ने इस उम्मीद से धनराशि जमा की थी कि यह पैसा सूखा राहत के लिए इस्तेमाल होगा।
आदेश की कॉपी
सूखे के हालात में डांस के लिए रकम देने से हुआ बवाल
मुख्यमंत्री के आदेश पर डांस कम्पिटीशन में हिस्सा लेने के लिए इस तरह रकम देने पर बवाल पैदा हो गया। विपक्ष ने सवाल उठाया था कि राज्य में सूखा होने पर ऐसा खर्च कितना जायज है? सरकार ने अपने बचाव में तब कहा था कि, मुख्यमंत्री राहत कोष ऐसे कामों के लिए पैसे दे सकता है। इस बवाल के बाद पैसे लेने वाले सरकारी कर्मचारियों ने ली हुई रकम चेक से लौट दी।
राहत कोष को दिया गया चेक।
राशि लौटाने के लिए कर्ज लिया
बैंकाक में डांस कम्पिटीशन में हिस्सा लेने वाले प्रतियोगी अर्जुन राणे ने NDTV इंडिया को बताया कि, मुख्यमंत्री राहत कोष के नाम पर चेक जारी कर जो रकम वह लौटा रहे हैं उसे जमा करने के लिए कइयों को कर्ज उठाना पड़ा है। क्योंकि मदद की राशि से टूर का खर्च भरा जा चुका है, और वह लौटाया नहीं जाने वाला। कर्मचारी अपनी यात्रा का आधा खर्च खुद करने वाले थे। बैंकाक में असमी नृत्य पेश कर भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले थे। अब उन्हें पूरा खर्च खुद उठाना होगा।
चेक जमा क्यों नहीं किया गया?
मुख्यमंत्री राहत कोष से बंटी इस रकम का खुलासा आरटीआई से हुआ। इसके बाद अब आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली का कहना है कि, मुख्यमंत्री को गुमराह करने वाले अधिकारियों की इस मामले में जांच होनी चाहिए। आखिर रकम लौटाए जाने के 24 घंटे बाद भी उसे सम्बंधित एकाउंट में जमा क्यों नहीं किया गया?
मुख्यमंत्री राहत कोष एक ऐसी व्यवस्था है जिससे राज्य के मुख्यमंत्री के आदेश पर जरूरतमंद लोगों को आर्थिक मदद की जाती है। इस कोष में सामान्य लोगों ने इस उम्मीद से धनराशि जमा की थी कि यह पैसा सूखा राहत के लिए इस्तेमाल होगा।
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