
स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा के महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लेकर दिए गए एक तंज भरे बयान ने राज्य की सियासत में भूचाल ला दिया है. कामरा ने अपने एक पैरोडी गीत के जरिए शिंदे पर निशाना साधा था. जिसके बाद शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता उद्धव ठाकरे और बीजेपी के दिग्गज नेता देवेंद्र फड़णवीस आमने-सामने आ गए हैं. हालांकि इस बीच, एनसीपी नेता अजित पवार ने संयमित और सधे हुए अंदाज में अपनी बात रखकर सबको चौंका दिया है.
उद्धव ठाकरे का समर्थन, फडणवीस का पलटवार
उद्धव ठाकरे ने कुणाल कामरा के बयान का समर्थन करते हुए कहा, "मुझे नहीं लगता कि कुणाल कामरा ने कुछ गलत कहा है. जो गद्दार है, वो गद्दार है." ठाकरे ने इसे शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और बीजेपी गठबंधन पर हमला करने का मौका बनाया. उन्होंने कहा, "कामरा ने वही कहा जो जनता के मन में है.
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कामरा के बयान की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा, "हास्य के नाम पर व्यक्तिगत हमले और अपमानजनक टिप्पणियां करना स्वीकार्य नहीं है. यह न सिर्फ एक उप मुख्यमंत्री का अपमान है, बल्कि महाराष्ट्र की जनता का भी अपमान है, जिसने शिंदे को चुना." फड़णवीस ने उद्धव ठाकरे पर भी निशाना साधते हुए कहा, "जो लोग ऐसी टिप्पणियों का समर्थन करते हैं, वे सिर्फ अपनी सियासी जमीन बचाने की कोशिश कर रहे हैं."
हंसा सकते हैं लेकिन अपमानजनक बयान....
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आगे कहा कि लोगों ने 2024 के विधानसभा चुनावों में हमें वोट दिया है और समर्थन दिया है. जो गद्दार थे, उन्हें लोगों ने घर भेज दिया. बालासाहेब ठाकरे के जनादेश और विचारधारा का अपमान करने वालों को लोगों ने उनकी जगह दिखा दी. कोई भी लोगों को हंसा जरूर सकता है, लेकिन अपमानजनक बयान देना स्वीकार नहीं किया जा सकता. कोई दूसरों की स्वतंत्रता और विचारधारा का अतिक्रमण नहीं कर सकता. इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के रूप में उचित नहीं ठहराया जा सकता."
अजित पवार की संतुलित प्रतिक्रिया
इस पूरे विवाद में एनसीपी नेता और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सबसे अलग रुख अपनाया. उन्होंने न तो कामरा का समर्थन किया और न ही उनकी आलोचना की. पवार ने कहा, "सब कुछ संविधान के दायरे में होना चाहिए. वैचारिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जिससे पुलिस का काम बढ़ जाए." उनकी यह टिप्पणी संयम और सावधानी का परिचय देती है. पिछले हफ्ते एक इफ्तार समारोह में भी पवार ने कहा था, "मुस्लिम भाइयों पर आंख दिखाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा." उनके इस बयान को भी सियासी हलकों में उनकी संतुलित छवि के तौर पर देखा जा रहा है.
वहीं सोमवार को संसद के बाहर अपनी बात रखते हुए सपा सांसद जया बच्चन ने कुणाल कामरा विवाद पर कहा, "... बोलने की आजादी कहां है? कार्रवाई की आज़ादी तभी है जब हंगामा हो..." उन्होंने आगे कहा, "आप (एकनाथ शिंदे) अपनी असली पार्टी छोड़कर, सत्ता के लिए दूसरी पार्टी में आ गए। क्या यह बालासाहेब ठाकरे का अपमान नहीं है?"
कुणाल के समर्थन में संजय राउत
कॉमेडियन के खिलाफ कार्रवाई पर शिवसेना (यूबीटी) के संजय राउत ने महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा है. संजय राउत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कुणाल कामरा को प्रमोट करने के सवाल पर कहा कि कौन कहता है कि मैंने उसे प्रमोट किया है. हालांकि, मैंने कल एक्स पर एक पोस्ट किया है. कुणाल कामरा को मैं पहले से जानता हूं, उसने हम पर भी इसी प्रकार से पहले टिप्पणी की है. कुणाल कामरा ने अगर व्यक्तिगत तौर पर टिप्पणी नहीं की है, तो आपको स्वीकार करना चाहिए, यही लोकतंत्र की खूबसूरती है.
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