एनसीपी के 'बागियों' से मुलाकात के बाद अजित पवार पहुंचे देवेंद्र फडणवीस के घर : 10 बड़ी बातें

अजित पवार ने रविवार को महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में शामिल होकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में विभाजन कर दिया. इससे बाद 24 साल पहले शरद पवार द्वारा स्थापित पार्टी संकट में पड़ गई है.

मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :

  1. शरद पवार से बगावत करने वाले एनसीपी विधायकों से मुलाकात करने के बाद अजित पवार, देवेंद्र फडणवीस के घर पहुंचे. बताया जा रहा है कि अजित पवार के घर पर पॉवर शेयरिंग को लेकर विधायकों के बीच बातचीत हुई. अजित पवार समेत 9 विधायकों ने रविवार को मंत्री पद की शपथ ग्रहण की थी.

  2. सतारा के कराड में शरद पवार ने शक्ति प्रदर्शन किया. यहां शरद पवार के साथ समर्थकों का हुजूम नजर आ रहा है. शरद यावद के साथ पृथ्‍वीराज चौहान भी मौजद रहे. यहां भतीजे के विद्रोह के बाद शरद पवार ने कहा कि आज समाज में खाई पैदा की जा रही है. मेरी लड़ाई सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ है. मैं लड़ता रहूंगा. जातिवादी राजनीति महाराष्‍ट्र में नहीं चलेगी. कई राज्‍यों में पार्टी को तोड़ने की कोशिश हो रही है.

  3. अजित पवार के बंगले पर एक बैठक चल रही है. सूत्रों का कहना है कि सत्ता-बंटवारे के फॉर्मूले पर चर्चा के लिए अजित पवार के घर पर बैठक चल रही है. सूत्रों ने बताया, "अजित पवार और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हुए आठ राकांपा विधायकों को मंत्रालयों के आवंटन के संबंध में चर्चा की जा रही है."

  4. एनसीपी ने महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को एक याचिका सौंपी है, जिसमें अजित पवार और पार्टी के आठ अन्य नेताओं को अयोग्य ठहराने की मांग की गई है, जिन्होंने कल शिवसेना-भाजपा सरकार में मंत्री पद की शपथ ली थी. "इन विधायकों का महाराष्ट्र के राज्यपाल के पास जाना और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में उपमुख्यमंत्री और मंत्रियों के रूप में शपथ लेना, जिसका एनसीपी ने कड़ा विरोध किया है, स्वेच्छा से राजनीतिक रूप से एनसीपी की सदस्यता छोड़ने के समान है. एनसीपी ने 22 पेज की अयोग्यता याचिका में यह बात कही है. 

  5. पार्टी ने भारतीय चुनाव आयोग (ईसी) को भी पत्र लिखकर बताया है कि 1999 में एनसीपी की स्थापना करने वाले शरद पवार पार्टी के प्रमुख बने रहेंगे और नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं होगा. उन्होंने चुनाव आयोग से अजित पवार खेमे के किसी भी अनुरोध पर कार्रवाई करने से पहले उनकी बात सुनने का भी आग्रह किया.

  6. लगभग एक महीने पहले शरद पवार द्वारा कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए राकांपा के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल के साथ एक संवाददाता सम्मेलन में उपस्थित हुए अजित पवार ने दावा किया है कि उन्हें व्यावहारिक रूप से पूरी पार्टी का समर्थन प्राप्त है. उन्होंने भी शिवसेना में विभाजन के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की तरह ही पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा किया.

  7. अजित पवार के लिए अगला कदम चुनाव आयोग का रुख करना और यह साबित करना होना चाहिए कि वह असली एनसीपी हैं. भाजपा सूत्रों ने कहा है कि अजित पवार का दावा है कि उन्हें राज्य विधानसभा में राकांपा के कुल 53 विधायकों में से 40 से अधिक का समर्थन प्राप्त है. भतीजे के बड़े बदलाव पर प्रतिक्रिया देते हुए शरद पवार ने कहा कि वह पार्टी में नया नेतृत्व बनाएंगे. हालाँकि, उन्होंने कहा, "परिवार में कोई समस्या नहीं है. हम परिवार में राजनीति पर चर्चा नहीं करते हैं. हर कोई अपना निर्णय लेता है."

  8. पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले, जो शरद पवार की बेटी भी हैं, ने कहा कि पार्टी के घटनाक्रम से विपक्ष की एकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा. उन्होंने यह भी कहा कि अजित पवार के विचार अलग हो सकते हैं, लेकिन वह 'उन्हें हमेशा एक बहन की तरह प्यार करेंगी.' सुले ने मीडिया से कहा, "मैं अपने भाई के साथ कभी झगड़ा नहीं कर सकती."

  9. कांग्रेस ने संकेत दिया कि वे महाराष्ट्र में उभरते हालात को देखते हुए शरद पवार के साथ खड़े हैं. कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि देश के सबसे चतुर राजनेताओं में से एक, शरद पवार कम से कम जनता की अदालत में लड़ाई लड़ेंगे. उन्होंने अपने समूह को एकजुट रखने के स्पष्ट प्रयास के तहत अपने विधायकों की एक बैठक भी बुलाई है.

  10. अजित पवार के महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के रूप में शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल होने के बाद रविवार को एनसीपी को विभाजन का सामना करना पड़ा. वह भाजपा के देवेंद्र फडणवीस के साथ इस पद को साझा करेंगे. छगन भुजबल और दिलीप वलसे पाटिल जैसे शरद पवार के वफादारों सहित कुल नौ एनसीपी विधायकों को मंत्री बनाया गया.