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महाराष्ट्र में राजनीतिक लड़ाई अब धार्मिक नारों पर आई, पुराने मुद्दे से खोई 'मिल्कियत' की तलाश में उद्धव?

उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर समाज में जहर घोलने का आरोप लगाया है और अपने समर्थकों से सत्तारूढ़ पार्टी के पसंदीदा 'जय श्री राम' नारे का जवाब 'जय भवानी, जय शिवाजी' से देने को कहा था.

महाराष्ट्र में राजनीतिक लड़ाई अब धार्मिक नारों पर आई, पुराने मुद्दे से खोई 'मिल्कियत' की तलाश में उद्धव?
नई दिल्ली:

महाराष्ट्र की राजनीति में अब पार्टी एक दूसरे को धार्मिक नारों के जरिए घेरने की कोशिश में है. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एक बयान दिया, जिसके बाद महाराष्ट्र में 'जय श्रीराम' बनाम 'जय भवानी' की सियासत देखने को मिल रही है. उद्धव ठाकरे ने अपने समर्थकों से बीजेपी के पसंदीदा 'जय श्री राम' नारे का जवाब 'जय भवानी, जय शिवाजी' से देने को कहा है.

सालों की मेहनत के बाद जिस पार्टी को बाल ठाकरे ने पाला-पोसा और बड़ा किया. उनके बाद वो मिलकियत उद्धव ठाकरे की थी, लेकिन एक ऐसा तूफान आया कि उद्धव ठाकरे के पास न तो पार्टी रही, न महाराष्ट्र की सियासत में वो मजबूत पकड़. अब उद्धव खोई हुई जमीन की वापसी चाहते हैं और नई रणनीति पर कसरत शुरू कर दी है.

प्रांतवाद के मुद्दे पर हुई थी शिवसेना की स्थापना

हालांकि इसे आप रणनीति भी नहीं कह सकते. क्योंकि ये मुद्दा उन्होंने पुराना ही चुना है. मुद्दा वही प्रांतवाद का, जिसके आधार पर 60 के दशक में शिवसेना की स्थापना हुई थी. उद्धव ठाकरे ने रविवार को आयोजित अपनी निर्धारित रैली में शिव सैनिकों से अपील करते हुए, 'जय श्रीराम' का जवाब 'जय भवानी' में देने की नसीहत दे दी.

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एक तरफ पुराने मुद्दे को नई रणनीति बनाकर उद्धव महाराष्ट्र की सियासत में उपनी उपस्थिति को मजबूत करना चाहते हैं.

'जय भवानी' का नारा मराठी अस्मिता से जुड़ा

दरअसल भूमिपुत्रों को न्याय दिलाने के मक़सद से स्थापित हुई शिवसेना का शुरुआत से ही नारा 'जय भवानी, जय शिवाजी' का रहा है.  ख़ासकर 'जय भवानी' का नारा मराठी अस्मिता से इसलिए भी जुड़ गया है, क्योंकि इसका इस्तेमाल शिवाजी महाराज के वक़्त से होता आया है. तो दूसरी तरफ बीजेपी 'जय श्रीराम' के नारे के ज़रिए देशभर के हिन्दुओं को एक छत के नीचे लाने का प्रयास करती रही है.

महाविकास आघाडी के साथ हाथ मिलाने के बाद से ही उद्धव ठाकरे की हिन्दुत्व वाली छवि धूमिल हुई है. ऐसे में उद्धव ठाकरे को लगता है कि 'जय भवानी' के नारे के ज़रिए जो मराठी मतदाता चुनाव में उनसे दूर हुआ था, उनके दिलों में फिर एक बार जगह बनाने में यह नारा काम कर जाएगा.
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दरअसल शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर समाज में जहर घोलने का आरोप लगाया था और अपने समर्थकों से सत्तारूढ़ पार्टी के पसंदीदा 'जय श्री राम' नारे का जवाब 'जय भवानी, जय शिवाजी' से देने को कहा था.

बीजेपी ने समाज में जहर घोल दिया है - उद्धव ठाकरे 

एक कार्यक्रम में शिवसेना कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "अगर कोई 'जय श्री राम' कहता है, तो 'जय शिवाजी' और 'जय भवानी' के जवाब के बिना उसे जाने न दें." उन्होंने कहा, "भाजपा ने हमारे समाज में जहर घोल दिया है. उन्होंने हमारे समाज के साथ जो किया है, उसके लिए मैं भाजपा को माफ नहीं करूंगा."

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साथ ही ठाकरे ने अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों पर भाजपा के रुख का हवाला देते हुए देश के प्रति उसकी प्रतिबद्धता पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि जहां भाजपा नेता एक समय पाकिस्तान के साथ खेल आयोजनों का विरोध करते थे, वहीं भारत अब पाकिस्तान और बांग्लादेश दोनों के साथ क्रिकेट मैच खेल रहा है.

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